कुदरत की मार से हरियाणा में किसानों और आम लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। हिसार, फतेहाबाद में ड्रेनें और सिरसा में कच्चा तटबंध टूटने से फसलें जलमग्न हो गईं। इसके अलावा फतेहाबाद, भिवानी, अंबाला, यमुनानगर, कैथल समेत करीब 15 जिलों में जलभराव से दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं।
हिसार के गांव कैमरी के पास सोमवार को घग्गर ड्रेन टूट गई जिससे फसलें जलमग्न हो गईं। जिले में अभी भी 71 स्कूल परिसर में जलभराव है। वहीं, रामगढ़ बस्ती, गंगवा में जलभराव के कारण 100 से अधिक परिवार सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं।
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ड्रेन टूटने के बाद आस-पास के क्षेत्रों में भरा पानी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
फतेहाबाद के गांव जांडवाला में शाहपुरिया रोड पर रविवार रात हिसार-घग्गर ड्रेन टूट गई। ड्रेन टूटने के बाद करीब 35-40 फीट की दरार हो गई। पानी के बहाव से 800 एकड़ फसल जलमग्न हो गई। ग्रामीण और डेरा सच्चा सौदा के सेवादार ड्रेन को बांधने में जुटे रहे। वहीं, भूना में जलभराव के कारण करीब 600 घर डूबे हुए हैं।
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गांव कैमरी की ड्रेन टूटने के बाद काम में लगे मजदूर
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा के गांव पनिहारी में रविवार रात कच्चा बांध फिर टूट गया। चार गांवों की करीब 4000 एकड़ फसलें डूृब गईं। बाबा भूमणशाह डेरे से पहुंची संगत ने बांध के मरम्मत कार्य में सहयोग किया।
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हिसार कैमरी रोड स्थित अमरदीप कॉलोनी में भरा बरसात का पानी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वहीं, बहादुरगढ़ में हफ्ते भर से छोटूराम नगर, विवेकानंद नगर, धर्म विहार, परनाला गांव के साथ आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र पार्ट-बी में मुंगेशपुर ड्रेन का पानी भरा हुआ है। अब छोटूराम नगर से प्रवासियों का पलायन शुरू हो गया है।
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हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-52 पर भरे पानी से गुजरते वाहन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा में घग्गर खतरे के निशान के पार
सिरसा में घग्गर नदी ओटू हेड पर खतरे के निशान को पार कर गई है। ओटू हेड की क्षमता करीब 22000 क्यूसेक है। इस समय जलस्तर 29000 क्यूसेक है।
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कुदरत की मार: फतेहाबाद, हिसार में ड्रेनें और सिरसा में तटबंध टूटा, बहादुरगढ़ में पलायन; 15 जिलों में जलभराव