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कुत्ते के काटने से ही नहीं चाटने से भी हो सकता है रेबीज, जानें डॉक्टर की सलाह Haryana News & Updates

कुत्ते के काटने से ही नहीं चाटने से भी हो सकता है रेबीज, जानें डॉक्टर की सलाह Haryana News & Updates

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Faridabad News: उत्तर प्रदेश के बदायूं में कुत्ते की लार से रेबीज से मासूम की मौत ने लोगों को चौंका दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ काटना ही नहीं चाटना भी जानलेवा हो सकता है. हल्के में न लें तुरंत डॉक्टर …और पढ़ें

फरीदाबाद: क्या कुत्ते के चाटने से भी रेबीज हो सकता है? यह सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यह सच है. उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के सहसवान इलाके में हुई दर्दनाक घटना इसका बड़ा उदाहरण है. यहां दो साल के मासूम की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि उसे कुत्ते की लार से रेबीज हो गया था. यह मामला लोगों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि कुत्ते का सिर्फ काटना ही नहीं बल्कि उसका चाटना भी जानलेवा हो सकता है.

कुत्ते के काटने या उसके संपर्क को तीन कैटेगरी में बांटा गया है

Local18 से बातचीत में फरीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर के हेड, डॉ. सुमित कुमार ने बताया कि डॉग बाइट यानी कुत्ते के काटने या उसके संपर्क को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. उन्होंने कहा पहली कैटेगरी में तब आता है जब कुत्ता आपकी स्किन को बिना घाव के सिर्फ चाटता है. इसमें रेबीज होने का खतरा लगभग न के बराबर होता है और वैक्सीन की जरूरत नहीं होती.

वैक्सीन है जरूरी

डॉ. सुमित आगे बताते हैं दूसरी कैटेगरी तब होती है जब कुत्ता आंख, नाक या मुंह के आसपास की स्किन को चाटता है. यहां स्किन बेहद सेंसिटिव होती है और खून की पतली नसें होती हैं जिससे वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इस कैटेगरी में वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए जो कि 0, 3, 7, 14, 20 और 28 दिन पर दी जाती है.

तीसरी कैटेगरी सबसे ज्यादा खतरनाक है. इसमें अगर आपकी स्किन पर गहरा घाव या छोटी-सी चोट भी है और कुत्ता उसे चाटता है तो रेबीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इस स्थिति में वैक्सीन के साथ इम्यूनोग्लोबिन भी देना जरूरी है. इम्यूनोग्लोबिन रेडीमेड एंटीबॉडी है जो संक्रमण को रोकने में मदद करती है. डॉक्टर के मुताबिक अक्सर हमारी स्किन पर छोटे-छोटे घाव या इंजरी होती हैं जिन्हें हम नोटिस नहीं करते और ऐसे में भी संक्रमण फैल सकता है.

डॉ. सुमित ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा अगर आप डॉग पालते हैं, तो सबसे पहले उसका वैक्सीनेशन जरूर करवाएं. इसके अलावा घर का जो सदस्य कुत्ते के सबसे ज्यादा संपर्क में रहता है उसे प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्टिक वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए. किसी भी कुत्ते के काटने या चाटने को हल्के में ना लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

जागरुकता और समय पर इलाज

यह घटना और डॉक्टर की सलाह हमें यह सिखाती है कि जागरूकता और समय पर इलाज से रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है. कुत्ते के काटने या चाटने पर तुरंत कदम उठाना ही सही तरीका है.

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