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टिटनस: कुत्ते के दांत और पंजे पर मौजूद बैक्टीरिया घाव के जरिए शरीर में जाकर टिटनस पैदा कर सकते हैं. इससे मांसपेशियों में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.

बैक्टीरियल इंफेक्शन: कुत्ते के मुंह में मौजूद बैक्टीरिया घाव में जाकर सूजन, लालिमा और पस का कारण बनते हैं. कई बार यह इंफेक्शन शरीर में फैलकर सेप्सिस तक का खतरा पैदा कर सकता है.

स्किन एलर्जी और जलन: कुछ लोगों को कुत्ता काटने के बाद स्किन पर एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है. इसमें घाव के आसपास खुजली, लाल दाने और तेज जलन महसूस होती है.

कितने इंजेक्शन लगते हैं: रेबीज से बचाव के लिए आमतौर पर 4 से 5 इंजेक्शन लगाए जाते हैं. ये अलग-अलग दिनों पर दिए जाते हैं ताकि बॉडी वायरस से लड़ने की क्षमता बना सके.

तुरंत क्या करें: कुत्ता काटने पर सबसे पहले घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं. किसी घरेलू नुस्खे के बजाय तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और इंजेक्शन लगवाएं.
Published at : 26 Aug 2025 05:39 PM (IST)
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