किसान की बेटी ने प्रदेश में पाया तीसरा स्थान


ख़बर सुनें

भिवानी। गांव मंढाणा निवासी किसान परमीत की बेटी हिमानी ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं परीक्षा में 500 में से 496 अंक प्राप्त कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। खास बात यह है कि हिमानी ने ट्यूशन और कोचिंग लिए बिना यह सफलता हासिल की है। छात्रा हिमानी का कहना है कि उसके भाई हिमांशु ने पिछले साल 10वीं कक्षा में 100 फीसदी अंक प्राप्त किए थे। वहीं परिजनों और स्कूल स्टाफ के सहयोग और आशीर्वाद से वह इतिहास रच पाई है।
गांव मंढाणा स्थित केशव शिक्षा निकेतन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा हिमानी ने बताया कि वह आईपीएस बनकर देश की सेवा करना चाहती है। देश में बढ़ती अपराध की घटनाओं को रोकने के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सेवाएं देना चाहती है। हिमानी ने बताया कि उसका पिता परमीत गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं और मां प्रमिला निजी स्कूल में टीचर हैं। परिजनों और शिक्षकों से मिली प्रेरणा और सहयोग से उसने कठिन मेहनत की। शाम को वह खाना बनाने और घर के अन्य कार्यों में हाथ बंटाती थी, जिसके बाद समय निकाल कर पांच से छह घंटे पढ़ाई करती थी। इस दौरान उसने टीवी और मोबाइल से दूरी बनाए रखी। साथ ही परीक्षा की तैयारी के लिए कहीं से कोई कोचिंग नहीं ली। हिमानी ने बताया कि अगर हम लक्ष्य को निर्धारित कर उसके लिए कठिन परिश्रम करें तो सफलता जरूर मिलेगी।

भिवानी। गांव मंढाणा निवासी किसान परमीत की बेटी हिमानी ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं परीक्षा में 500 में से 496 अंक प्राप्त कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। खास बात यह है कि हिमानी ने ट्यूशन और कोचिंग लिए बिना यह सफलता हासिल की है। छात्रा हिमानी का कहना है कि उसके भाई हिमांशु ने पिछले साल 10वीं कक्षा में 100 फीसदी अंक प्राप्त किए थे। वहीं परिजनों और स्कूल स्टाफ के सहयोग और आशीर्वाद से वह इतिहास रच पाई है।

गांव मंढाणा स्थित केशव शिक्षा निकेतन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा हिमानी ने बताया कि वह आईपीएस बनकर देश की सेवा करना चाहती है। देश में बढ़ती अपराध की घटनाओं को रोकने के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सेवाएं देना चाहती है। हिमानी ने बताया कि उसका पिता परमीत गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं और मां प्रमिला निजी स्कूल में टीचर हैं। परिजनों और शिक्षकों से मिली प्रेरणा और सहयोग से उसने कठिन मेहनत की। शाम को वह खाना बनाने और घर के अन्य कार्यों में हाथ बंटाती थी, जिसके बाद समय निकाल कर पांच से छह घंटे पढ़ाई करती थी। इस दौरान उसने टीवी और मोबाइल से दूरी बनाए रखी। साथ ही परीक्षा की तैयारी के लिए कहीं से कोई कोचिंग नहीं ली। हिमानी ने बताया कि अगर हम लक्ष्य को निर्धारित कर उसके लिए कठिन परिश्रम करें तो सफलता जरूर मिलेगी।

.


What do you think?

शराब के नशे में फांसी का फंदा लगाकर व्यक्ति ने की जीवन लीला समाप्त

बोइक चुराने का आरोपी काबू, बाइक बरामद