{“_id”:”675e51bd9fb9c1352f0c7736″,”slug”:”farmers-protest-2-0-drivers-going-to-punjab-risk-their-lives-2024-12-15″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”किसान आंदोलन 2.0: जान हथेली पर लेकर पंजाब जा रहे वाहन चालक, गांव से 15 मिनट का सफर डेढ़ घंटे में हो रहा तय”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
गांव के रास्ते से गुजरते वाहन – फोटो : संवाद
विस्तार
हरियाणा से पंजाब आने-जाने के लिए वाहन चालक जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। खासकर हरियाणा-पंजाब को जोड़ने वाले गांव के कच्चे रास्तों को अपनाकर परिवार की जान भी मुसीबत में फंसा रहे हैं। इन मार्गों पर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की गाड़ियां सबसे अधिक चल रही हैं।
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ऐसा ही एक मार्ग चंडीगढ़ राजमार्ग से लालड़ू से पहले सरसीनी गांव से होकर जाता है, जो आगे मोहाली राजमार्ग को जोड़ता है। कुछ किलोमीटर का यह मार्ग इतना दुर्गम है कि एक बार तो जान हथेली में लेने जैसी बात हो जाती है। गांव से होकर गुजर रहे इस मार्ग पर आसपास रास्तों पर अचानक से खेलते हुए बच्चे आ जाते हैं। इस कारण किसी भी समय हादसा हो सकता है।
इसी प्रकार आगे घग्गर नदी के ऊपर से इस मार्ग को पार करना होता है। इस नदी पर मिट्टी से अस्थाई पुल बनाया है। जहां पुल के नीचे से खाली जगह से पानी बह रहा है ताे इस पुल पर एक गाड़ी के निकलने की ही जगह है। इस पर चलने पर ऐसा महसूस होता है कि कभी भी गाड़ी का पहिया नदी में जा सकता है। रात्रि के समय तो यहां से यात्रा करना और भी खतरनाक हो जाता है।
गांव का लिंक मार्ग वन-वे
पंजाब में मोहाली राजमार्ग को जोड़ने से पहले यह रास्ता कई गांवों से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर सिर्फ एक ही गाड़ी के निकलने की जगह है। अगर दूसरी गाड़ी सामने से आ गई तो उसे कच्चे फुटपाथ पर उतरना होगा। इससे गाड़ी के एक तरफ के टायर कभी भी खेतों में जा सकते हैं। यहां भी रात्रि के समय गुजरना काफी मुश्किल है। इसके साथ ही यह रास्ता सुनसान है और खेतों के बीच से होकर गुजरता है।
दूसरा रास्ता अंबाला के ग्रामीण क्षेत्रों से होकर जाता है। वैसे तो यह दो पहिया वाहनों के लिए भी सही नहीं है। मगर अब कच्चे रास्ते से वाहनों की आवाजाही इतनी बढ़ गई है कि हरदम यहां पर धूल का गुबार रहता है। जिससे ग्रामीणों का बुरा हाल है। कुछ कच्चे रास्तों को तो ग्रामीणों ने बंद भी कर दिया है। अगर बाइक से जाएं तो इस मार्ग पर 15 मिनट में पंजाब की सीमा को छुआ जा सकता है। मगर अब वाहनों की लंबी कतारों, पथरीले और धूल भरे मार्ग से यह सफर डेढ़ घंटे तक पहुंच गया है। यहां से वाहनों के गुजरने से मंदिरों के परिसर और लोगों के घरों पर हर दम मिट्टी से सराबोर रहते हैं। इसके साथ हाल ही में एक वाहन ने तो पानी की पाइप लाइन ही तोड़ दी। इसका पानी सड़क पर बहता दिखा।