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किसान आंदोलन के बीच गुड न्‍यूज! दिल्ली से पंजाब जाने वालों को अब जबरन अंबाला नहीं जाना होगा, खोल दिया गया शंभू बॉर्डर के पास रास्‍ता Haryana News & Updates

किसान आंदोलन के बीच गुड न्‍यूज! दिल्ली से पंजाब जाने वालों को अब जबरन अंबाला नहीं जाना होगा, खोल दिया गया शंभू बॉर्डर के पास रास्‍ता Haryana News & Updates

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Agency:News18 Haryana

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Kisan Andolan 2025: किसान आंदोलन के बीच शंभू बॉर्डर का रास्ता खोल दिया गया है, जिससे अब अंबाला शहर से होकर पंजाब जाने की जरूरत नहीं होगी। किसान आंदोलन के चलते एक साल से बंद था, जिससे व्यापार और ट्रांसपोर्ट पर अ…और पढ़ें

किसान आंदोलन के बीच अच्छी खबर है.

हाइलाइट्स

  • शंभू बॉर्डर का रास्ता फिर से खोल दिया गया है.
  • अब अंबाला होकर पंजाब जाने की जरूरत नहीं होगी.
  • व्यापार और ट्रांसपोर्ट पर असर कम होगा.

अंबाला. हरियाणा और पंजाब सीमा पर अंबाला जिले में शंभू बॉर्डर का रास्ता एक बार फिर से टोल गेट के 100 मीटर की दूरी तक खोल दिया गया है. अब वाहन चालकों को पंजाब जाने के लिए अंबाला शहर नहीं जाना पड़ेगा. टोल गेट से 100 मीटर की दूरी पर ही हाइवे 152D का इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रशासन के आदेश पर बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं.गौरतलब है कि किसान आंदोलन के चलते पिछले लगभग एक साल से शंभू बॉर्डर बंद था, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

दरअसल, अब वाहन चालकों को पंजाब जाने के लिए अंबाला शहर नहीं जाना पड़ेगा. टोल गेट से 100 मीटर की दूरी पर ही हाइवे 152D का इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रशासन के आदेश पर बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं. बॉर्डर बंद होने से अंबाला शहर पर खासा असर पड़ रहा था और यहां पर कपड़ा उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. उसके अलावा, हरियाणा और पंजाब में अन्य कारोबार पर भी असर पड़ रहा है. बीते एक साल से यहां पर करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है.

रोडवेज को भी रोजाना लाखों रुपये की चपत लग रही है. अहम बात है कि वाहन चालकों को रास्ता बदलकर लंबे रूट से जाना पड़ रहा है. डीजल और पेट्रोल की खपत भी बढ़ गई है. उधर, नेशनल हाईवे अथारिटी को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.

आवाजाही बंद होने के कारण ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी प्रभावित

इसके अलावा, शंभू बॉर्डर से आवाजाही बंद होने के कारण ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी प्रभावित हुआ. पंजाब से जो सामान आता है या फिर अंबाला से जो सामान पंजाब भेजा जाता है, उनका लॉजिस्टिक (किराया) बढ़ाया गया. इसका असर सामान पर भी पड़ा, जिसकी कीमतें बढ़ीं. फिलहाल, अब रास्ता खोलने से लोगों की परेशानी कम होगी और अंबाला शहर में आवाजाही के लिए आसानी रहेगा. फिलहाल, किसान धरने पर बैठे हुए हैं. बीते साल 13 फरवरी 2024 को किसानों ने जींद के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरना शुरू किया था. जो लगातार चल रहा है.

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किसान आंदोलन के बीच गुड न्‍यूज! पंजाब जाने के लिए जबरन नहीं जाना होगा अंबाला

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