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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) भारतीय क्रिकेट में योगदान देने वाले खिलाड़ियों को पेंशन देती है. बीसीसीआई ने साल 2004 से रिटायर्ड क्रिकेटरों को पेंशन देने की शुरुआत की है. उस समय बोर्ड की तरफ से लगभग 174 पूर्व खिलाड़ियों 5000 रुपये की मासिक पेंशन देने का फैसला लिया था. लेकिन अब ये धनराशि पहले से काफी ज्यादा हो गई. बीसीसीआई से पेंशन मिलने के लिए, एक खिलाड़ी को निश्चित संख्या में मैच खेलना जरुरी होता है.
बीसीसीआई से पेंशन पाने के लिए क्या है क्राइटेरिया?
बीसीसीआई से पेंशन मिलने के लिए पुरुष क्रिकेटर को कम से कम 25 फर्स्ट क्लास मैच खेलने जरुरी हैं. अगर कोई क्रिकेटर 25 से 49 फर्स्ट क्लास मैच खेल लेता है तो उसे बोर्ड की तरफ से हर महीने 30 हजार रुपये की पेंशन मिलती है.
वहीं अगर कोई क्रिकेटर 50 से 74 फर्स्ट क्लास मैच खेल लेता है तो उसे बोर्ड की तरफ से 45 हजार रुपये मिलते हैं. जबकि 75 या उससे ज्यादा फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को बोर्ड की तरफ से 52,500 रुपये मिलते हैं.
बीसीसीआई वहीं भारत के लिए 25 से ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 70 हजार रुपये देती है. वहीं 25 से कम टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 60 हजार रुपये पेंशन देती है.
बात करें महिला क्रिकेटर्स की तो जिन महिला खिलाड़ियों ने भारत के लिए 5-9 टेस्ट खेले थे, उन्हें बीसीसीआई 30 हजार रुपये पेंशन देती है. वहीं इससे ज्यादा टेस्ट खेलने वाली महिला क्रिकेटर्स को 45000 रुपये मिलते हैं.
क्या भारत के लिए एक मैच खेलने वाले खिलाड़ी को मिल सकती है पेंशन?
भारतीय टीम के लिए एक मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को भी पेंशन मिल सकती है. लेकिन इसके लिए उसे डोमेस्टिक क्रिकेट में कम से कम 25 फर्स्ट क्लास मैच खेलना जरुरी है. अगर वो खिलाड़ी 25 फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेल पाता है और भारत के लिए एक मैच खेलता है, तो उस खिलाड़ी को बीसीसीआई की तरफ से पेंशन नहीं मिलेगी.
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किन-किन क्रिकेटरों को मिलती है पेंशन? क्या भारत के लिए एक मैच खेलने वाला भी बन जाता है दावेदार?

