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बालों को मुलायम और चमकदार रखना किसे पसंद नहीं होता? आजकल लोग कई तरह के हेयर ट्रीटमेंट अपना रहे हैं. ब्यूटी इंडस्ट्री में नए हेयर ट्रीटमेंट का चलन बढ़ गया है. परंपरागत रूप से स्ट्रेटनिंग में फॉर्मेलिन (ब्राजीलियन ब्लोआउट) का इस्तेमाल किया जाता था. यह स्वास्थ्य के लिए ख़तरा माना जाता था. इसके कारण ग्लाइकोलिक एसिड जैसे विकल्प सामने आए. सैलून हेयर स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट में अक्सर रेशमी सीधे बाल पाने के लिए केराटिन का इस्तेमाल किया जाता है.
हेयर-स्ट्रेटनिंग केमिकल (ग्लाइकोलिक एसिड)
हालांकि, इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि ऐसे प्रोडक्ट किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इज़राइल की हालिया रिपोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि इस हेयर-स्ट्रेटनिंग केमिकल (ग्लाइकोलिक एसिड) का किडनी पर कितना गंभीर प्रभाव हो सकता है. 2019 और 2022 के बीच 14 केंद्रों से एक्यूट किडनी इंजरी के 26 मामले (दो मामलों में बार-बार होने वाले) रिपोर्ट किए गए.
सभी प्रभावित व्यक्ति 20 के दशक की महिलाएं थीं, और किडनी की बीमारी इतनी गंभीर थी कि तीन मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता पड़ी. इसके अतिरिक्त, द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन (NEJM) में पब्लिश एक अध्ययन ने सुझाव दिया कि ग्लाइऑक्सीलिक एसिड युक्त केराटिन-आधारित हेयर स्ट्रेटनिंग उत्पाद किडनी में ऑक्सालेट क्रिस्टल के निर्माण के कारण एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) के जोखिम को बढ़ाते हैं.
हेयर स्ट्रेटनिंग से किडनी को किस तरह नुकसान पहुंचता है?
हेयर स्ट्रेटनिंग से किडनी को किस तरह नुकसान पहुंचता है? इंडिया टीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जब हमने फोर्टिस अस्पताल के कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डॉ. वैभव केसकर और एस एल रहेजा अस्पताल के कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट फिजिशियन डॉ. अभिषेक शिरकंडे से बात की. ग्लाइऑक्सीलिक एसिड एपिडर्मिस से होकर गुजरता है और रक्त में व्यवस्थित रूप से अवशोषित हो जाता है, जहां यह तेज़ी से ग्लाइऑक्सीलेट में परिवर्तित हो जाता है. ग्लाइऑक्सीलेट अंततः ऑक्सालेट को मेटाबोलाइज़ करता है, जो किडनी के लिए विषाक्त है. बालों को सीधा करने के लिए ग्लाइऑक्सीलिक एसिड का उपयोग करने से किडनी के ऊतकों में कैल्शियम ऑक्सालेट जमा हो जाता है और किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती है.
जब स्थिति गंभीर हो जाती है, तो डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है. कई बार, चोट के कारण किडनी का काम करना हमेशा के लिए बंद हो सकता है. उपचार के बाद स्थानीय जलन/खुजली या अल्सर एक प्रारंभिक संकेत हो सकता है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए. समय पर पता लगाने और समय पर उपचार जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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