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काबुल में भारत का दूतावास फिर से खुला: क्या तालिबान को मान्यता देगा भारत; अफगानिस्तान बोला- PAK से विवाद में भारत की भूमिका नहीं Today World News

काबुल में भारत का दूतावास फिर से खुला:  क्या तालिबान को मान्यता देगा भारत; अफगानिस्तान बोला- PAK से विवाद में भारत की भूमिका नहीं Today World News

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काबुल4 मिनट पहले

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भारत ने मंगलवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने तकनीकी मिशन को अब आधिकारिक रूप से दूतावास का दर्जा दे दिया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दूतावास अफगानिस्तान के समग्र विकास, मानवीय सहायता और क्षमता निर्माण में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा। दूतावास का नेतृत्व एक वरिष्ठ राजनयिक करेंगे, जिन्हें चार्ज डी’अफेयर्स के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 10 अक्टूबर को मुत्तकी के साथ मुलाकात में इसकी घोषणा की थी। इस कदम से भारत और अफगानिस्तान के बीच फिर से राजनयिक संबंध स्थापित हो गए हैं।

साल 2022 से भारत ने काबुल में टेक्निकल मिशन चलाया था, लेकिन अब दूतावास की वापसी से भारत-तालिबान संबंध नए सिरे से शुरू होंगे। इसके साथ ही ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या भारत अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता दे सकता है।

जयशंकर और मुत्तकी के बीच नई दिल्ली में द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी।

जयशंकर और मुत्तकी के बीच नई दिल्ली में द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी।

अफगानिस्तान बोला- PAK से विवाद में भारत की भूमिका नहीं

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने भारत पर लगे उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि हाल ही में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हुई झड़पों में भारत की कोई भूमिका थी।

एक इंटरव्यू में याकूब ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा,

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अफगानिस्तान ने कभी किसी दूसरे देश को अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने दिया है। हम एक स्वतंत्र देश हैं और भारत व पाकिस्तान से हमारे रिश्ते सिर्फ राष्ट्रीय हितों के आधार पर तय होते हैं।

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पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए थे

बीते दिनों 11 अक्टूबर को काबुल में हुए धमाकों के कुछ दिन बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर हिंसा भड़क गई थी।

उस समय तालिबान के विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी भारत दौरे पर थे। इसके तुरंत बाद तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान की दक्षिणी सीमा पर हमले किए, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने कार्रवाई की।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन घटनाओं के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि तालिबान की लीडरशिप भारत की गोद में बैठी है।

इस पर भारत ने सख्त जवाब दिया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि वह अपनी आंतरिक नाकामियों के लिए पड़ोसियों को दोष देता है।

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