कांग्रेस ने ईआरसीपी को लेकर सोशल मीडिया पर खोला मोर्चा


जयपुर, छह जुलाई (भाषा) राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए महत्वाकांक्षी नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर बुधवार को यहां जनप्रतिनिधि सम्मेलन करने के साथ सोशल मीडिया मंचों विशेषकर ट्विटर पर भी अभियान चलाया।

इसमें पार्टी के पदाधिकारियों व मंत्रियों ने ‘राजस्थान मांगे ईआरसीपी’ हैशटैग के साथ इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग लगातार कर रही है। इसको लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की मंशा से कांग्रेस ने बुधवार को यहां कांग्रेस जनप्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया। इसमें मुख्यमंत्री गहलोत ने घोषणा की कि अगर भारत सरकार ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया तब भी राजस्थान सरकार इस योजना को पूरा करेगी।

वहीं राजस्थान कांग्रेस समिति ने इसको लेकर ट्विटर पर अभियान छेड़ा। पार्टी के आधिकारिक हैंडल पर विभिन्न मंत्रियों व पदाधिकारियों के बयान भी साझा किए गए। ऐसे ही एक बयान में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा,’यह राजनीतिक लड़ाई नहीं है लेकिन भाजपा ने राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। अगर भाजपा इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर लड़ती है तो वह घाटे में रहेगी।’

महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा , ‘‘केंद्र की मोदी सरकार राजस्थान के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा…..।’’

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जयपुर और अजमेर में सभा करके ईआरसीपी परियोजना की घोषणा करने के बावजूद इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर रहे हैं। इस परियोजना से सम्बद्ध जिलों के किसानों और लोगों की पानी की समस्या खत्म हो जाएगी।

पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों ने भी वीडियो संदेश के जरिए ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की।

इस परियोजना से लाभान्वित होने वाले जिलों में भरतपुर, अलवर, कोटा, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, बूंदी व धौलपुर हैं।

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