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इन दिनों साइबर अपराध के मामले बेतहाशा बढ़ गए हैं. जहां ऑनलाइन पेमेंट ने लोगों को कैश फ्री कर दिया है, वहीं इसके बाद से साइबर क्राइम के मामलों में काफी वृद्धि हुई है. जिसे ऑनलाइन पेमेंट के नियमों का पता है, वो तो यहगी से बच जाता है लेकिन कई लोग जानकारी के अभाव में ठगी का शिकार हो जाते हैं. साइबर अपराधी ठगी के कई तरीकों की खोज में लगे रहते हैं. जहां एक तरीका लोगों को पता चलता है, वो दूसरे रास्ते अपनाने लगते हैं.
राजस्थान के डीग में साइबर सेल ने लोगों को अब ठगी के एक नए तरीके से अवगत करवाया है. इस तरीके का इस्तेमाल कर गिरोह ने कई लोगों को चूना लगाया था. लेकिन ऑपरेशन एंटीवायरस के तहत पुलिस ने पांच शातिर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है. इन ठगों ने जिस तरीके का इस्तेमाल किया, उसकी जानकारी शिकार व्यक्ति किसी को दे भी नहीं पाता था. आइये जानते हैं क्या था ये तरीका?
गुप्त रोग का करते थे इलाज
साइबर ठगों का ये गिरोह मर्दाना ताकत, नपुंसकता और गुप्त रोग के इलाज के नाम पर शिकार को फंसाता था. ये लोग सोशल मीडिया पर गुप्त रोग का परमानेंट इलाज का दावा करते थे. जब कोई इसपर इंक्वायरी करता था तब वो उसे झांसे में ले लेते थे. दवाइयों के जरिये मर्दाना कमजोरी दूर करने का दावा करते थे. इसके बाद दवाइयों की डिलीवरी से पहले इन्हें क्यूआर कोड भेजकर इनके खाते से सारे पैसे निकाल लेते थे.
लड़की से करवाते थे चेक
इस गिरोह का ठगी करने का एक और तरीका था. शिकार की जांच करने के लिए उन्हें लड़की द्वारा वीडियो कॉल करवाया जाता था. जैसे ही कॉल रिसीव किया जाता था, इसका वीडियो बना लिया जाता था. इसके बाद वीडियो के आधार पर ब्लैकमेलिंग कर पैसे ऐंठे जाते थे. लोग शर्म की वजह से इसकी शिकायत पुलिस में नहीं कर पा रहे थे. पुलिस ने गिरोह के पांच अपराधियों को अरेस्ट कर लिया है. उनके पास से स्मार्टफोन और सात फर्जी सिम कार्ड बरामद किये गए हैं. सभी को कोर्ट में पेश करने के बाद तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है.
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