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03सीटीके24..मदन लाल ढींगरा कम्युनिटी सेंटर में आयोजित श्रीश्याम कथा में पहुंचे श्रद्धालु। स्रोत
पौराणिक कथा के अनुसार खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर भगवान श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया। यह विचार मदन लाल ढींगरा कम्युनिटी सेंटर में शुक्रवार से शुरू हुई तीन दिवसीय श्रीश्याम कथा के पहले दिन कथाव्यास श्याम रतन पप्पू शर्मा खाटू वाले ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि खाटू श्याम जी को भगवान श्रीकृष्ण के कलियुगी अवतार के रूप में जाना जाता है। बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है, जो पांडु पुत्र भीम के पौत्र थे। बताया कि वनवास के दौरान जब पांडव अपनी जान बचाते हुए भटक रहे थे, तब भीम का सामना हिडिंबा से हुआ। हिडिंबा ने भीम से एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम घटोत्कच पड़ा। घटोत्कच से बर्बरीक पुत्र हुआ। श्रीश्याम परिवार रोहतक के संस्थापक शिव ने बताया कि बाबा को 56 भोग समर्पित किया जाएगा। पहले दिन कथा के समापन पर भव्य आरती का आयोजन किया गया। कथा से पूर्व श्याम परिवार की ओर से हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया।
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कलियुग में श्याम के नाम से पूजे जाते हैं बर्बरीक : पप्पू शर्मा