कलाकारों ने चित्रों से समझाए राष्ट्रीयता के भाव


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हरियाणा कला परिषद द्वारा कला कीर्ति भवन में आयोजित दो दिवसीय चित्रकला शिविर का वीरवार को समापन हुआ। दस चित्रकारों ने आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर चित्रों के माध्यम से राष्ट्रीयता के भाव समझाए। इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने शिविर में आए चित्रकारों को स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित।
शिविर में जींद से दीपक कौशिक ने आजादी में जींद की भूमिका को दिखाते हुए अपने मन के भावों को कैनवास पर उकेरा। रंगों के माध्यम से आजादी के दौरान प्रकृति के स्वरूप में आए बदलाव को दीपक कौशिक ने बड़े रोचक ढंग से दिखाया। इसके अलावा विकास रोहिल्ला ने चंद्रशेखर आजाद और शहीद उद्यम सिंह के चित्र तैयार कर उनकी भूमिका को दर्शाने का प्रयास किया। हिसार से राजकुमार वर्मा ने 1857 की जंग के योद्धाओं को दिखाया। सोनीपत की रीना चौधरी ने मॉडर्न आर्ट का प्रयोग करते हुए अपने मन की अभिव्यक्ति को दिखाने की कोशिश की। वहीं भिवानी से प्रीति सभ्रवाल ने जहां केसरी रंग को दिखाते हुए भगत सिंह का चित्रण किया, वहीं पानीपत के मोहित जांगड़ा ने भारतीय संस्कृति को दिखाते हुए नृत्य और संगीत का दृश्य अपने चित्रों में दिखाया। कुरुक्षेत्र से मयंक भारद्वाज ने ग्रैविटि आर्ट को दिखाते हुए आजादी का अमृत महोत्सव को सार्थक किया। भारती धीमान और रजनी धीमान ने भी चित्रों में भारतीयता को स्थान दिया। चंडीगढ़ से आए अमन पाठक ने राष्ट्रीय पशु बाघ और पक्षी मोर को तिरंगे के साथ दिखाकर राष्ट्रीयता दिखाने का प्रयास किया। कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने सभी की सराहना करते हुए कहा कि सभी चित्रों को विभिन्न अवसरों पर अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा। इस मौके पर हरियाणा कला परिषद के कार्यालय प्रमुख धर्मपाल गुगलानी, मीडिया प्रभारी विकास शर्मा, शिविर संचालक व हरियाणा कला परिषद की ललित कला समन्वयक सीमा कांबोज, रंगशाला प्रबंधक मनीष डोगरा व रजनीश भनौट आदि उपस्थित रहे।

हरियाणा कला परिषद द्वारा कला कीर्ति भवन में आयोजित दो दिवसीय चित्रकला शिविर का वीरवार को समापन हुआ। दस चित्रकारों ने आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर चित्रों के माध्यम से राष्ट्रीयता के भाव समझाए। इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने शिविर में आए चित्रकारों को स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित।

शिविर में जींद से दीपक कौशिक ने आजादी में जींद की भूमिका को दिखाते हुए अपने मन के भावों को कैनवास पर उकेरा। रंगों के माध्यम से आजादी के दौरान प्रकृति के स्वरूप में आए बदलाव को दीपक कौशिक ने बड़े रोचक ढंग से दिखाया। इसके अलावा विकास रोहिल्ला ने चंद्रशेखर आजाद और शहीद उद्यम सिंह के चित्र तैयार कर उनकी भूमिका को दर्शाने का प्रयास किया। हिसार से राजकुमार वर्मा ने 1857 की जंग के योद्धाओं को दिखाया। सोनीपत की रीना चौधरी ने मॉडर्न आर्ट का प्रयोग करते हुए अपने मन की अभिव्यक्ति को दिखाने की कोशिश की। वहीं भिवानी से प्रीति सभ्रवाल ने जहां केसरी रंग को दिखाते हुए भगत सिंह का चित्रण किया, वहीं पानीपत के मोहित जांगड़ा ने भारतीय संस्कृति को दिखाते हुए नृत्य और संगीत का दृश्य अपने चित्रों में दिखाया। कुरुक्षेत्र से मयंक भारद्वाज ने ग्रैविटि आर्ट को दिखाते हुए आजादी का अमृत महोत्सव को सार्थक किया। भारती धीमान और रजनी धीमान ने भी चित्रों में भारतीयता को स्थान दिया। चंडीगढ़ से आए अमन पाठक ने राष्ट्रीय पशु बाघ और पक्षी मोर को तिरंगे के साथ दिखाकर राष्ट्रीयता दिखाने का प्रयास किया। कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने सभी की सराहना करते हुए कहा कि सभी चित्रों को विभिन्न अवसरों पर अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा। इस मौके पर हरियाणा कला परिषद के कार्यालय प्रमुख धर्मपाल गुगलानी, मीडिया प्रभारी विकास शर्मा, शिविर संचालक व हरियाणा कला परिषद की ललित कला समन्वयक सीमा कांबोज, रंगशाला प्रबंधक मनीष डोगरा व रजनीश भनौट आदि उपस्थित रहे।

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