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कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण के लिए गौतम अडानी ग्रुप, अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता और योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद सहित 26 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। जेएएल ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी है। अधिग्रहण में रुचि दिखाने वाली अन्य प्रमुख कंपनियों में अहमदाबाद स्थित टॉरेंट ग्रुप, जिंदल पावर, डालमिया सीमेंट, जीआरएम बिजनेस, ओबेरॉय रियल्टी और कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड शामिल हैं।

जेएएल ने भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन बोर्ड (कॉरपोरेट इकाइयों के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया) विनियम, 2016 के तहत पात्र संभावित समाधान आवेदकों (पीआरए) की अस्थायी सूची जारी की है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की इलाहाबाद पीठ ने तीन जून, 2024 को जेएएल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था, क्योंकि कंपनी बकाया कर्जों का भुगतान करने में चूक गई थी। लेनदारों ने कुल 57,185 करोड़ रुपये का दावा किया है, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह से जेएएल के तनावग्रस्त ऋणों को लेने के बाद राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (NARCL) दावेदारों की सूची में सबसे आगे है।
इन कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
अधिग्रहण की इच्छा जताने वाली कंपनियों में अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी, जेपी इन्फ्राटेक, जिंदल इंडिया पावर लिमिटेड, जिंदल पावर लिमिटेड, कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड, ओबेरॉय रियल्टी लिमिटेड, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, टॉरेंट पावर और वेदांता लिमिटेड प्रमुख हैं। इनके अतिरिक्त, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) लिमिटेड, ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विनरो कमर्शियल (इंडिया) लिमिटेड एवं पारख एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड का कंसोर्टियम, डिकी एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया ऑपर्च्युनिटीज इन्वेस्टमेंट्स पीटीई लिमिटेड, जे सी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, जैथरी थर्मल पावर, ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स, पश्चिम सागर प्रॉपर्टीज, पीएनसी इन्फ्राटेक, रश्मि मेटालिक्स, शेरिशा टेक्नोलॉजीज, सिग्मा कॉरपोरेशन और विनचैन इन्फ्रास्ट्रक्चर भी शामिल हैं।
JAL के पास हैं कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स
जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी महत्वपूर्ण रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं। इसके दिल्ली एनसीआर में तीन वाणिज्यिक/औद्योगिक कार्यालय स्थल, और दिल्ली एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच होटल संपत्तियां हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसके चार सीमेंट उत्पादन प्लांट हैं, जो वर्तमान में चालू नहीं हैं, और मध्य प्रदेश में कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें भी हैं। जेएएल ने जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड, जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड जैसी सब्सिडियरी कंपनियों के साथ-साथ कुछ अन्य कंपनियों में भी निवेश किया है। जयप्रकाश एसोसिएट्स के अनुसार, 11 मार्च, 2025 तक वित्तीय संस्थानों पर उसका कुल बकाया लोन 55,409.28 करोड़ रुपये था। जेपी समूह की एक अन्य कंपनी, जेपी इन्फ्राटेक का पहले ही दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से मुंबई स्थित सुरक्षा समूह ने अधिग्रहण कर लिया है, जिसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगभग 20,000 फ्लैट वाली रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करना है।
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कर्ज में डूबी इस फर्म को खरीदने की मची होड़, लाइन में हैं अडानी-वेदांता जैसी कंपनियां – India TV Hindi