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करनाल के सेक्टर-8 स्थित श्री राम मंदिर में अब उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर भगवान शिव के शिवलिंग पर गंगाजल से जलाभिषेक के लिए झरने की व्यवस्था शुरू की गई है। मंगलवार को इस झरने का शुभारंभ श्री जिंदा कल्याणा आश्रम, कलानौर के गद्दीनशीन स्वामी खुशहाल दास महाराज ने किया। शुभारंभ से पहले उन्होंने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की, जलाभिषेक किया और आरती उतारी। स्वामी खुशहाल दास ने कहा, “यह भोलेनाथ की कृपा है कि कर्ण नगरी के श्रद्धालु अब हरिद्वार के गंगाजल से झरने के माध्यम से जलाभिषेक कर सकेंगे। यह एक सराहनीय पहल है।
3000 लीटर गंगाजल के लिए दो टंकियों की व्यवस्था
ऊँ शिव ओम अन्नपूर्णा भंडारा समिति के सदस्य दवेंद्र गुप्ता ने बताया कि उनका लंबे समय से सपना था कि करनाल में भी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तरह शिवलिंग पर झरने से जलाभिषेक हो। इसके लिए हरिद्वार से टैंकर के माध्यम से गंगाजल मंगवाया गया। मंदिर में 1500-1500 लीटर की दो टंकियां स्थापित की गई हैं, जिनके माध्यम से पाइप और मोटर की मदद से शिवलिंग पर झरना बनाया गया है। अब रोजाना भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से जलाभिषेक किया जा रहा है।
गंगाजल को नाली में जाने से रोकने की विशेष व्यवस्था
श्रद्धालुओं ने गंगाजल के सम्मान में यह सुनिश्चित किया है कि जलाभिषेक का पानी नाली में न जाए। इसके लिए 140 फुट गहरा बोरवेल बनवाया गया है, जिससे गंगाजल सीधे पाताल में पहुंचेगा। साथ ही, भगवान सरयू पर चढ़ाए जाने वाले जल को भी पाइप के माध्यम से जमीन में उतारा जाएगा, ताकि उसका अपमान न हो।
श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क गंगाजल
श्री राम मंदिर सभा के प्रवक्ता मुरारी बत्रा ने बताया कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब निःशुल्क गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भक्त हरिद्वार से गंगाजल या कांवड़ लाने में असमर्थ हैं, उनके लिए मंदिर सभा की ओर से यह सुविधा शुरू की गई है। इससे समय की कमी के कारण कोई भी भक्त भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से वंचित नहीं रहेगा।
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करनाल में श्री राम मंदिर में अब महाकालेश्वर की तर्ज पर झरने से होगा भगवान शिव का जलाभिषेक