[ad_1]
सेक्टर-7 स्थित गुरुद्वारा सुखमनी साहिब में गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस के दूसरे दिन कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। शुक्रवार शाम को ग्रंथी गुरसेवक ने अरदास कर गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश करवा कीर्तन का शुभारंभ करवाया। कीर्तन दरबार में दिल्ली से आए भाई चमन लाल और उनकी टीम ने वाहे गुरु वाहे गुरु गाया तो सभी ने उनके साथ मिलकर प्रभु का सुमिरण किया उसके बाद गुरि पूरै चरनी लाइआ, हरि संगि सहाई पाइआ, जह जाईऐ तहा सुहेले, करि किरपा प्रभि मेले, हरि गुण गावहु सदा सुभाई, मन चिंदे सगले फल पावहु जीअ कै और अमृतसर वल जांदे राहियां जाना गुरुद्वारे भई शब्द गाकर गुरु की महिमा का गुणगान किया। कीर्तन दरबार में देर रात तक श्री ग्रंथ साहिब के समक्ष श्रद्धालुओं ने माथा टेका।
इस अवसर पर प्रधान इंद्रजीत सिंह दुआ ने कहा कि गुरु अर्जन देव सिखों के पांचवें गुरु थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1563 को गोइंदवाल, पंजाब में हुआ था और 30 मई 1606 को लाहौर में उनकी शहादत हुई थी। उन्होंने सिख धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से आदि ग्रंथ के संकलन और स्वर्ण मंदिर के निर्माण में। इस अवसर पर गुलजार सिंह, जसबीर सिंह, जसविंद्र सिंह चावला, जसपाल सिंह, संजय अरोड़ा, इंद्र पाल सिंह चावला और अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
[ad_2]
करनाल: गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस के दूसरे दिन कीर्तन दरबार का हुआ आयोजन