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विदेश में बेहतर जिंदगी के सपने देखने वाले करनाल जिले के 16 युवकों का सपना बुरे अनुभव में बदल गया। ये सभी युवक अवैध रूप से अमेरिका जाने के प्रयास में मेक्सिको की दीवार फांदने की कोशिश में पकड़े गए थे। महीनों तक विदेशी जेलों में कैद और यातनाएं झेलने के बाद अब इन्हें भारत डिपोर्ट कर दिया गया है। हरियाणा से कुल 50 लोगों को मेक्सिको प्रशासन ने भारत भेजा है, जिनमें करनाल के 16 युवक शामिल हैं।
डिपोर्ट होकर लौटे युवकों में असंध के गांव पोपड़ा से हुसन, असंध के गांव राहड़ा से अंकुर, बुटाना के कलसी गांव से हरीश, निसिंग के प्योंत गांव से तजेंद्र सिंह, निसिंग के बांसा गांव से जश्नदीप सिंह, गांव सिंगोहा से रजतपाल, बुटाना के गौरगढ़ गांव से विक्रम, निसिंग से देवेंद्र सिंह, असंध के मंचूरी से मनिंद्र सिंह, असंध के बिलौना गांव से गुरजंट सिंह, घरौंडा के फुरलक से सचिन, निगदू के गोलपुर गांव से सावन, निसिंग बस्तली गांव से तुषार, निगदू के डोड कारसा गांव से निखिल, निसिंग के औंगद से मनीष और इंद्री के बीबीपुर जाटान गांव से प्रियांशु चहल शामिल हैं। मेक्सिको से डिपोर्ट होकर लौटे ये युवा अब अपने घरों में हैं, लेकिन उनके चेहरे अब भी भय और निराशा से भरे हैं। सभी की उम्र 20 से 35 साल के बीच की बताई जा रही है।
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करनाल: अमेरिका जाने का सपना बना बुरा अनुभव, करनाल के 16 युवक डिपोर्ट