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संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। शहर को सुंदर बनाने के लिए नगर परिषद ने कई वर्ष पूर्व बकरियांवाली के पास वर्ष 2006 में कचरा निस्तारण प्लांट लगाया था। 8 एकड़ में प्लांट स्थापना से पहले स्थानीय लोगों को बताया गया था कि इससे से उनको कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन स्थापना के बाद से ही स्थानीय निवासी अव्यवस्था की वजह से परेशानी झेल रहे हैं। यहां से उठने वाली दुर्गंध ने उनका जीना मुहाल कर दिया है।
ग्रामीणों बलबीर मूंड, हरि सिंह, रामस्वरूप के अनुसार उनको अच्छी योजना बताकर गांव के पास 8 एकड़ जमीन ले ली गई और यहां पर कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित कर दिया गया। प्लांट स्थापित होने के बाद से यहां पर चौथा विधानसभा चुनाव हो रहा है, लेकिन उनकी समस्या का समाधान कोई दल नहीं कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट बनने के बाद नक्शे में कई फेरबदल किए जा चुके। इसके कारण प्लांट कचरा निस्तारण केंद्र न होकर स्वयं कचरे का ढेर बनकर रह चुका है।
बता दें कि शुरुआती प्रोजेक्ट में कचरा निस्तारण प्लांट के अंदर आधुनिक टेस्टिंग लैब से लेकर जनरल स्टोर तक का प्रावधान रखा गया था। इसके अतिरिक्त ग्रीन बेल्ट बनाने का प्रावधान भी किया गया था ताकि कचरा निस्तारण के दौरान होने वाले प्रदूषण का असर बाहर न पड़े। यही नहीं, निस्तारित कचरे को स्टोर करने के लिए विशेष स्टोर सहित अन्य सुविधाएं स्थापित की जानी थी। परंतु एक लंबा वक्त गुजरने के साथ-साथ यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया। अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते आज कचरा निस्तारण प्लांट से उठने वाली दुर्गंध ने स्थानीय लोगों को जीना मुहाल कर दिया है।
फायर सिस्टम लगा न छाई हरियाली
प्लांट की स्थापना के बाद से यहां पर कई तरह के कार्य होने थे। इनमें आधुनिक फायर सिस्टम से लेकर अच्छी मात्रा में हरियाली के लिए पेड़-पौधे लगाए जाने थे।इसके अलावा कचरा उड़कर साथ लगते खेतों में न जाए इसके लिए ऊंच-ऊंची दीवारें भी बनाई जानी थी। यह सब तो हुआ नहीं ऊपर टूटी दीवारें भी नहीं बन पाईं।
नक्शे के अनुरूप ये सब बनाया जाना था
– कैंटीन
– जनरल स्टोर
– आधुनिक जांच लैब
– प्लांट में निस्तारित कचरे को रखने के लिए स्टोर
– प्लांट के अंदर दीवारों के साथ साथ ग्रीन बेल्ट का निर्माण।
– बायोमेडिकल यूनिट
– वर्कशॉप
– पूछताछ केंद्र
मौजूदा स्थिति
– कचरा निस्तारण को लेकर मशीनें कार्य कर रही हैं।
– कैंटीन और जनरल स्टोर की जगह खाली पड़ी है।
– ग्रीन बेल्ट की जगह दीवारों के साथ कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
– कचरा उड़कर खेतों में जा रहा है।
– निस्तारण कार्य धीरे होने से कचरे के कई फुट ऊंचे ढेर लगे हैं।
ये जानना जरूरी
डंपिंग साइट : 13 एकड़
नई एजेंसी को प्लांट के लिए जगह : 6 एकड़
सिरसा शहर से प्रतिदिन निकलने वाला कचरा : 100 मीट्रिक टन
एजेंसी प्रतिदिन उठाएगी कचरा : 220 मीट्रिक टन
नई एजेंसी को प्रति टन भुगतान : 2,635 रुपये
प्लांट में जिन चीजों को बनाया जाना था, आज तक उन्हें स्थापित नहीं किया गया है। कचरा निस्तारण का कार्य ही नियमानुसार नहीं होता है। सरकार से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक को अवगत करवाया जा चुका है। ग्रीनरी को लेकर कोई कार्य आज तक नहीं किया गया है। – सुभाष चंद्र , ग्रामीण बकरियांवाली
कचरा निस्तारण केंद्र स्थापना के बाद से ही उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चुनाव में प्रचार और वोट मांगने के लिए आने वाले नेताओं से पूछेंगे कि हमारी समस्या का समाधान कब तक करवाओगे। पिछले 18 साल से वे इस समस्या को झेल रहे हैं। – हरि सिंह, ग्रामीण बकरियांवाली
करीब दो दशक से इस समस्या को झेल रहे हैं। प्रशासन के साथ राजनेता भी उनकी समस्या की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। इतनी बड़ी समस्या यह है नहीं पर इसे बना दिया गया है। अगर सही तरह से कार्य किया जाए तो इसका समाधान निकल सकता है। -राम स्वरूप, ग्रामीण बकरियांवाली
प्लांट को अपग्रेड करने का कार्य किया जा रहा है। कचरा निस्तारण का कार्य एजेंसी की ओर से किया जा रहा है। इसके बाद ग्रीनरी आदि का कार्य तेजी से करवाया जाएगा। – प्रवीण कुमार, जेई, नगर परिषद
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कचरा निस्तारण प्लांट : 18 साल में हरियाली बढ़ना तो दूर, कचरे के ढेर ही नहीं निपटा पाए अधिकारी