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कंबोडिया ने UN से जंग रोकने की मांग की: थाईलैंड बोला- बातचीत के लिए तैयार; 1000 साल पुराने 2 शिव मंदिरों पर लड़ रहे दोनों देश Today World News

कंबोडिया ने UN से जंग रोकने की मांग की:  थाईलैंड बोला- बातचीत के लिए तैयार; 1000 साल पुराने 2 शिव मंदिरों पर लड़ रहे दोनों देश Today World News

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बैंकॉक/नोम पेन्ह3 मिनट पहले

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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 1000 हजार साल पुराने दो शिव मंदिरों को लेकर शुरू हुआ संघर्ष जारी है। इस बीच कंबोडिया ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) से तुरंत युद्ध रोकने की मांग की। UN सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कंबोडिया के राजदूत ने कहा, ‘हम शांति चाहते हैं और बातचीत से हल निकालना चाहते हैं।’

इधर, थाईलैंड ने कहा कि लड़ाई अब धीमी हो गई है और वह भी बातचीत के लिए तैयार है। थाई विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘अगर कंबोडिया चाहे, तो हम मलेशिया की मदद से भी बात करने को तैयार हैं।’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को दोनों देशों के बीच सीमा पर 12 जगहों पर झड़पें हुई हैं। इससे पहले थाई सरकार ने बताया था कि 1 लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने के लिए मजबूर हो चुके हैं। अब तक थाईलैंड के 15 लोगों की मौत हुई है। इसमें 1 सैनिक और 14 आम लोग हैं। 46 लोग घायल हुए हैं।

इधर, अभी तक कंबोडिया की तरफ से मृतकों या घायलों की कोई आधिकारिक संख्या नहीं बताई गई है। हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में 1 शख्स के मारे जाने का दावा किया जा रहा है।

थाईलैंड-कंबोडिया के बीच जंग की 5 फुटेज

थाई सेना ने गुरुवार को प्रीह विहियर मंदिर के पास कंबोडियाई हथियारों के एक डिपो पर हमला किया। यह वीडियो रॉयल थाई आर्मी ने जारी की है।

थाई सेना ने गुरुवार को प्रीह विहियर मंदिर के पास कंबोडियाई हथियारों के एक डिपो पर हमला किया। यह वीडियो रॉयल थाई आर्मी ने जारी की है।

थाईलैंड के हवाई हमलों के जवाब में कंबोडिया ने गुरुवार को कई BM21 रॉकेट दागे।

थाईलैंड के हवाई हमलों के जवाब में कंबोडिया ने गुरुवार को कई BM21 रॉकेट दागे।

थाईलैंड के सुरिन प्रांत में कंबोडिया सैनिकों की गोलीबारी में 8 साल के बच्चे नामखोंग बूंटाएंग की मौत हो गई।

थाईलैंड के सुरिन प्रांत में कंबोडिया सैनिकों की गोलीबारी में 8 साल के बच्चे नामखोंग बूंटाएंग की मौत हो गई।

थाईलैंड के सिसाकेट प्रांत में एक पेट्रोल स्टेशन से जुड़े एक स्टोर से धुआं निकलता हुआ।

थाईलैंड के सिसाकेट प्रांत में एक पेट्रोल स्टेशन से जुड़े एक स्टोर से धुआं निकलता हुआ।

कंबोडियाई BM-21 रॉकेटों ने थाईलैंड सीमा के पास हमला किया।

कंबोडियाई BM-21 रॉकेटों ने थाईलैंड सीमा के पास हमला किया।

कंबोडिया की सीमा से लगे 8 जिलों में मार्शल लॉ घोषित

थाईलैंड ने कंबोडिया की सीमा से लगे 8 जिलों में मार्शल लॉ घोषित कर दिया है। थाईलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि सीजफायर की बात करना अभी जल्दबाजी होगी, जब तक कंबोडिया अपनी आक्रामक कार्रवाई नहीं रोकता

इस विवाद को देखते हुए थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें भारतीय नागरिकों से थाईलैंड और कंबोडिया सीमा के पास 7 राज्यों में जाने से बचने की अपील की गई है। इनमें उबोन रत्चथानी, सुरिन, सिसाकेत, बुरीराम, सा काओ, चंथाबुरी और ट्राट शामिल हैं।

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच मंदिर विवाद को जानिए…

थाईलैंड और कंबोडिया का इतिहास लंबे समय तक खमेर साम्राज्य (कंबोडिया) और सियाम साम्राज्य (थाईलैंड) के बीच टकरावों से जुड़ा रहा है।

फ्रांस और ब्रिटिश शासन के दौरान भी दोनों देशों की सीमाओं को तनाव था, जिसकी वजह से प्रीह विहियर (प्रिय विहार) और ता मुएन थॉम मंदिरों के आसपास की जमीन पर अधिकार को लेकर कानूनी और राजनीतिक विवाद लगातार चलता रहा था।

1907 में जब कंबोडिया फ्रांस के अधीन था तब दोनों देशों के बीच 817 किमी की लंबी सीमा खींची गई थी।

थाईलैंड ने इसका विरोध किया, क्योंकि नक्शे में प्रीह विहियर (प्रिय विहार) मंदिर कंबोडिया के हिस्से में दिखाया गया था।

वहीं, ता मुएन थॉम मंदिर को थाईलैंड में दिखाया गया, जबकि कंबोडिया इसे अपना मानता है।

ता मुएन थॉम मंदिर पर कंबोडिया का दावा

ता मुएन थॉम मंदिर दोनों देशों की सीमा के उस हिस्से में आता है जो ठीक से तय नहीं है। यही वजह है कि इस पर दोनों देश अपना दावा करते हैं।

यह थाईलैंड की तरफ स्थित है, लेकिन कंबोडिया दावा करता है कि यह उसका ऐतिहासिक हिस्सा है, क्योंकि यह खमेर साम्राज्य के दौर में बना था।

खमेर साम्राज्य कंबोडिया की एक शक्तिशाली और प्रभावशाली सभ्यता थी, जो 9वीं से 15वीं शताब्दी तक रही। इस साम्राज्य ने कंबोडिया के अलावा लाओस, थाईलैंड और वियतनाम के कई हिस्सों पर शासन किया।

वहीं, थाईलैंड का दावा है कि मंदिर तो कंबोडिया का हो सकता है लेकिन उसके चारों ओर की जमीन पर उसका हक है।

दोनों देशों की सेनाएं इस मंदिर के आसपास नियमित रूप से गश्त करती हैं, जिससे यहां अक्सर झड़पें हो जाती हैं। इस बार की झड़प भी इसी मंदिर के पास हुई।

प्रीह विहियर मंदिर पर थाईलैंड का दावा प्रीह विहियर मंदिर पर दोनों देशों में विवाद ज्यादा है। थाईलैंड इस मंदिर पर कंट्रोल करने की कोशिश में लगातार लगा रहा, जिसके बाद 1959 में कंबोडिया यह मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में लेकर गया।

साल 1962 में अदालत ने फैसला दिया कि मंदिर कंबोडिया का है। कोर्ट ने थाईलैंड को अपने सैनिक हटाने का आदेश दिया। तब थाईलैंड ने इसे स्वीकार किया, लेकिन आसपास की जमीन को लेकर विवाद जारी रखा।

हेरिटेज साइट में शामिल होने पर बड़ा विवाद

2008 में यह विवाद तब और बढ़ गया जब इस मंदिर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कर लिया। मंदिर को मान्यता मिलने के बाद दोनों देशों की सेनाओं में फिर झड़पें शुरू हो गईं और 2011 में तो हालात इतने बिगड़ गए कि हजारों लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए।

साल 2013 में कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को साफ करते हुए कहा कि मंदिर ही नहीं, उसके आसपास का क्षेत्र भी कंबोडिया का है। साथ ही थाईलैंड को अपनी सेना वहां से पूरी तरह हटाने को कहा गया। हालांकि सीमा का मुद्दा अब तक पूरी तरह हल नहीं हो पाया है।

अब जानिए थाईलैंड-कंबोडिया के बीच जंग क्यों छिड़ी…

थाई सेना के बीच बीते 2 महीने से विवाद जारी है। 28 मई को एमरॉल्ड ट्राइंगल पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। यह वो जगह है थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं। थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ही इस इलाके पर दावा करते हैं।

गुरुवार सुबह यह और ज्यादा बढ़ गया था। कंबोडियाई सेना के मुताबिक थाई सैनिकों ने सीमा के पास ता मुएन थॉम मंदिर की ओर बढ़त बनाई और उसके चारों ओर कंटीले तार लगा दिए। इसके बाद थाई सैनिकों ने ड्रोन छोड़ा और हवाई फायरिंग की।

वहीं, थाई सेना के मुताबिक पहले कंबोडियाई सैनिकों ने संघर्ष शुरू किया। थाईलैंड ने बातचीत के जरिए तनाव कम करने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो गोलीबारी शुरू हो गई।

विवाद सुलझाने में गई PM की कुर्सी

दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ने के बाद 15 जून को थाईलैंड की PM पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने कंबोडिया के नेता हुन सेन से फोन पर बातचीत की थी। इस बातचीत में उन्होंने थाई सेना के कमांडर की आलोचना की थी। इसे थाईलैंड में गंभीर मामला माना जाता है, क्योंकि सेना का वहां काफी प्रभाव है।

इस बातचीत के लीक होने के बाद देशभर में गुस्सा फैल गया था। इसके बाद कोर्ट ने PM को पद से हटा दिया। हालांकि, पाइतोंग्तार्न ने माफी मांगते हुए कहा था कि उनकी टिप्पणी सिर्फ विवाद सुलझाने के लिए थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

PM पद से हटने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देती हुई पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा। तस्वीर 1 जुलाई 2025 की है।

PM पद से हटने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देती हुई पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा। तस्वीर 1 जुलाई 2025 की है।

ग्राफिक्स- अंकित पाठक

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पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा अगस्त 2024 में देश की प्रधानमंत्री बनी थीं। वह सिर्फ 10 महीने पद पर रह सकीं।

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थाईलैंड के संवैधानिक न्यायालय ने PM पाइतोंग्तार्न शिनावात्रा को उनके पद से सस्पेंड कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कंबोडिया के नेता हुन सेन से फोन पर बातचीत की थी। पूरी खबर पढ़ें…

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