ओमैक्स सिटी में खामियों की बनेगी सूची


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रोहतक। नगर निगम ने ओमैक्स सिटी की खामियों का सर्वे (रेडी फॉर प्रपोजल) करने की जिम्मेदारी दिल्ली की कंपनी को सौंप दी है। बुधवार को वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। इसके तहत कंपनी से खामियों की सूची (सर्वे रिपोर्ट) और उन्हें दूर करने का एस्टीमेट सौंपने के आदेश दिए गए हैं। बिल्डर से एस्टीमेट की राशि लेकर निगम खामियां दूर करेगा तब देखरेख की जिम्मेदारी लेगा।
लोगों ने जिंदगीभर की कमाई से ओमैक्स सिटी में घर लिया। आरोप है बिल्डर ने सुख-सुविधाओं के सब्जबाग दिखाए। जब लोग रहने लगे तब मूलभूत सुविधाओं का अभाव दिखा। सीवर का पानी खुले मैदान में बहाया जा रहा है। सप्लाई के पानी में इतनी ज्यादा फ्लोराइड है कि पीने योग्य नहीं है। सड़कें जगह-जगह टूटी पड़ी हैं, जिससे काफी दिक्कत हो रही है। साफ-सफाई की व्यवस्था राम भरोसे है। परेशान लोगों को जब तमाम फरियाद के बाद भी राहत नहीं मिली तो उन्होंने शासन-प्रशासन से राहत की गुहार लगाई। मामला प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज तक पहुंचा। 13 मई को ग्रीवांस कमेटी की बैठक में गृह मंत्री ने निगम अधिकारियों से मूलभूत समस्याओं का निदान कराने के निर्देश दिए। संयुक्त आयुक्त महेश कुमार ने बताया कि निगम ने तीन माह ओमैक्स सिटी की सफाई कराई थी मगर बिल्डर से कोई भुगतान नहीं किया। जब तक ओमैक्स सिटी निगम की देखरेख में नहीं आएगी तब तक सुविधाएं देना मुश्किल होगा। इस पर गृह मंत्री ने नियमानुसार कदम उठाने के निर्देश दिए। जिसके तहत निगम प्रशासन ने ओमैक्स सिटी की खामियों को दूर करने के लिए रेडी फॉर प्रपोजल (आरएफपी) सर्वे कराने का फैसला लिया। इसके लिए सात कंपनियों ने आवेदन किया, जिसमें से दिल्ली की एक कंपनी को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपते हुए बुधवार को वर्क आर्डर जारी कर दिया है। इसके तहत कंपनी के इंजीनियरों की टीम हर एंगल से सर्वे करके खामियों की सूची सौंपेगी। साथ ही खामियों को दूर करने के लिए खर्च होने वाली धनराशि का एस्टीमेट भी बताएगी।
निगम अधिकारियों ने बताया कि सर्वे और एस्टीमेट की रिपोर्ट बिल्डर को भेजी जाएगी। बिल्डर से एस्टीमेट की राशि मिलने के बाद निगम खामियां दूर करेगा तब देखरेख की जिम्मेदारी लेगा। इस प्रक्रिया को पूरा होने में छह से सात माह लग जाएंगे।
वर्जन
ओमैक्स सिटी की खामियों की सर्वे रिपोर्ट (रेडी फॉर प्रपोजल) की जिम्मेदारी दिल्ली की कंपनी को सौंप दी है। वर्क आर्डर भी जारी कर दिया है, जिसके तहत खामियों को दूर करने की एस्टीमेट रिपोर्ट भी मिलेगी। एस्टीमेट की राशि बिल्डर से मिलने के बाद निगम खामियां दूर कराएगा तब देखरेख की जिम्मेदारी लेगा।
– मनजीत दहिया, अधिशासी अभियंता हेडक्वार्टर नगर निगम

रोहतक। नगर निगम ने ओमैक्स सिटी की खामियों का सर्वे (रेडी फॉर प्रपोजल) करने की जिम्मेदारी दिल्ली की कंपनी को सौंप दी है। बुधवार को वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। इसके तहत कंपनी से खामियों की सूची (सर्वे रिपोर्ट) और उन्हें दूर करने का एस्टीमेट सौंपने के आदेश दिए गए हैं। बिल्डर से एस्टीमेट की राशि लेकर निगम खामियां दूर करेगा तब देखरेख की जिम्मेदारी लेगा।

लोगों ने जिंदगीभर की कमाई से ओमैक्स सिटी में घर लिया। आरोप है बिल्डर ने सुख-सुविधाओं के सब्जबाग दिखाए। जब लोग रहने लगे तब मूलभूत सुविधाओं का अभाव दिखा। सीवर का पानी खुले मैदान में बहाया जा रहा है। सप्लाई के पानी में इतनी ज्यादा फ्लोराइड है कि पीने योग्य नहीं है। सड़कें जगह-जगह टूटी पड़ी हैं, जिससे काफी दिक्कत हो रही है। साफ-सफाई की व्यवस्था राम भरोसे है। परेशान लोगों को जब तमाम फरियाद के बाद भी राहत नहीं मिली तो उन्होंने शासन-प्रशासन से राहत की गुहार लगाई। मामला प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज तक पहुंचा। 13 मई को ग्रीवांस कमेटी की बैठक में गृह मंत्री ने निगम अधिकारियों से मूलभूत समस्याओं का निदान कराने के निर्देश दिए। संयुक्त आयुक्त महेश कुमार ने बताया कि निगम ने तीन माह ओमैक्स सिटी की सफाई कराई थी मगर बिल्डर से कोई भुगतान नहीं किया। जब तक ओमैक्स सिटी निगम की देखरेख में नहीं आएगी तब तक सुविधाएं देना मुश्किल होगा। इस पर गृह मंत्री ने नियमानुसार कदम उठाने के निर्देश दिए। जिसके तहत निगम प्रशासन ने ओमैक्स सिटी की खामियों को दूर करने के लिए रेडी फॉर प्रपोजल (आरएफपी) सर्वे कराने का फैसला लिया। इसके लिए सात कंपनियों ने आवेदन किया, जिसमें से दिल्ली की एक कंपनी को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपते हुए बुधवार को वर्क आर्डर जारी कर दिया है। इसके तहत कंपनी के इंजीनियरों की टीम हर एंगल से सर्वे करके खामियों की सूची सौंपेगी। साथ ही खामियों को दूर करने के लिए खर्च होने वाली धनराशि का एस्टीमेट भी बताएगी।

निगम अधिकारियों ने बताया कि सर्वे और एस्टीमेट की रिपोर्ट बिल्डर को भेजी जाएगी। बिल्डर से एस्टीमेट की राशि मिलने के बाद निगम खामियां दूर करेगा तब देखरेख की जिम्मेदारी लेगा। इस प्रक्रिया को पूरा होने में छह से सात माह लग जाएंगे।

वर्जन

ओमैक्स सिटी की खामियों की सर्वे रिपोर्ट (रेडी फॉर प्रपोजल) की जिम्मेदारी दिल्ली की कंपनी को सौंप दी है। वर्क आर्डर भी जारी कर दिया है, जिसके तहत खामियों को दूर करने की एस्टीमेट रिपोर्ट भी मिलेगी। एस्टीमेट की राशि बिल्डर से मिलने के बाद निगम खामियां दूर कराएगा तब देखरेख की जिम्मेदारी लेगा।

– मनजीत दहिया, अधिशासी अभियंता हेडक्वार्टर नगर निगम

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