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ओपी चौटाला की अंतिम यात्रा में फूल बरसाते समर्थक। पंचतत्व में विलीन उनकी पार्थिव देह और इस मौके जमा समर्थकों की भीड़।
हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को होगी। सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में यह सभा सुबह 11 बजे शुरू होगी।
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कल (21 दिसंबर) शनिवार को ओपी चौटाला का सिरसा के तेजा खेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चौटाला के दोनों बेटों अजय चौटाला और अभय चौटाला ने उन्हें मुखाग्नि दी।
उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, कर्ण और अर्जुन चौटाला ने अंतिम रस्में निभाईं। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने चौटाला को श्रद्धांजलि दी।
ओपी चौटाला का शुक्रवार (20 दिसंबर) को दिल का दौरा पड़ने के बाद 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में निधन हो गया था।
ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार से जुडी 4 अहम बातें…
1. पार्थिव देह तिरंगे से लपेटी, हरी तुर्रा पगड़ी–चश्मा पहनाया ओपी चौटाला की पार्थिव देह शनिवार को अंतिम दर्शन के लिए तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में रखी गई। इस दौरान उनकी पार्थिव देह तिरंगे में लपेटी गई। इसके अलावा उनके सिर पर हरे रंग की तुर्रा पगड़ी और चश्मा पहनाया गया। हरी तुर्रा पगड़ी इनेलो की पहचान और चश्मा चुनाव चिन्ह है। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक समर्थकों ने उनके अंतिम दर्शन किए।
तिरंगे में लपेटा ओपी चौटाला का शव। उन्हें हरे रंग की पगड़ी और चश्मा भी पहनाया गया।
2. 12 क्विंटल फूलों से सजा समाधि स्थल, चिता के लिए चंदन की लकड़ी ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार के लिए फार्म हाउस में ही समाधि स्थल बनाया गया, जिसे 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इनमें 8 क्विंटल गेंदा और 2–2 क्विंटल गुलाब व गुलदाउदी के फूल थे। ये फूल कोलकाता से मंगाए गए थे। इसके अलावा चिता के लिए लाल चंदन की लकड़ियां मंगाई गई थीं।
ओपी चौटाला की समाधि स्थल को 3 तरह के फूलों से सजाया गया था।
3. दोनों बेटों–पोतों, भाइयों ने अर्थी को कंधा दिया ओपी चौटाला की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के बाद समाधि स्थल के लिए ले जाया गया तो सबसे आगे उनके दोनों बेटों अजय चौटाला और अभय चौटाला ने अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद उनके पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, कर्ण चौटाला, अर्जुन चौटाला के अलावा भाई रणजीत चौटाला और भतीजे आदित्य चौटाला अंतिम यात्रा में अर्थी के साथ रहे।
ओपी चौटाला की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते पूर्व सीएम के बेटे-पोते और दूसरे परिजन।
4. समर्थकों ने फूल बरसाए, नारे लगाए ओपी चौटाला की पार्थिव देह को समाधि स्थल की तरफ ले जाया गया तो समर्थकों की भारी भीड़ उनके साथ रही। इस दौरान करीब 200 मीटर के रास्ते भर में समर्थक उनकी पार्थिव देह पर फूल बरसाते रहे। उन्होंने ‘ओपी चौटाला–अमर रहें’ के नारे लगाए।
ओपी चौटाला की पार्थिव देह पर फूल बरसाते समर्थक।
अंतिम संस्कार के मौके एकजुट दिखा चौटाला परिवार ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार के मौके पर पूरा चौटाला परिवार एकजुट दिखा। ओपी के बेटे अजय और अभय के साथ पूर्व CM के पूर्व मंत्री भाई रणजीत चौटाला भी मौजूद रहे। वह श्रद्धांजलि देने आए लोगों का आभार व्यक्त करते रहे। राजनीतिक तौर पर अभय इनेलो के प्रधान महासचिव हैं।
अजय और उनके बेटों दुष्यंत–दिग्विजय को ओपी चौटाला के इनेलो से निकालने के बाद उन्होंने JJP बना ली। वहीं, रणजीत लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में गए थे, लेकिन अब निर्दलीय राजनीति कर रहे हैं।
इनके अलावा चौटाला फैमिली की बहुएं भी एक साथ बैठी दिखीं। इनमें हिसार से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली नैना चौटाला और सुनैना चौटाला भी शामिल थीं।
ओपी चौटाला के अंतिम दर्शन के मौके साथ बैठे (दाएं से) अभय चौटाला, अजय चौटाला और रणजीत चौटाला।
ओपी चौटाला की अंतिम विदाई के मौके साथ बैठीं नैना चौटाला, सुनैना चौटाला, कांता चौटाला और परिवार की दूसरी महिला सदस्य।
ओपी चौटाला से जुड़ी 5 खास बातें
1. पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 5 संतानों में सबसे बड़े थे। उनका जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ। वह 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।
2. पिता से ज्यादा न पढ़ जाएं, इसलिए शुरुआती शिक्षा के बाद ही चौटाला ने पढ़ाई छोड़ दी थी। जब वह टीचर घोटाले में जेल गए तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की।
ओपी चौटाला के जेल में रहते हुए 10वीं पास करने के बाद उन पर फिल्म बनी थी, जिसमें अभिषेक बच्चन ने उनका किरदार निभाया था।
3. 1968 में ओपी चौटाला ने ऐलानाबाद से पहला चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। बाद में हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जाकर उन्होंने चुनाव रद्द करा दिया। 2 साल बाद 1970 में हुए उपचुनाव में वह इसी सीट से जीते।
4. ओपी चौटाला के CM रहते 2 कांड बड़े मशहूर हुए। पहला महम कांड, जिसमें उन्होंने महम सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हिंसा और बूथ कैप्चरिंग के बाद चुनाव रद्द हो गया। पुलिस की गोलियों से 10 लोगों की मौत हुई। दूसरा कंडेला कांड, जिसमें फ्री बिजली और कर्ज माफी वादा पूरा न होने पर किसानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान गोलियों से 9 किसानों की मौत हुई।
यह तस्वीर ओपी चौटाला की टीचर भर्ती घोटाले में गिरफ्तारी के समय की है। – फाइल फोटो
5. ओपी चौटाला के 1999–2000 के सीएम कार्यकाल के दौरान टीचर भर्ती घोटाला हुआ, जिसमें उन्हें व उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद हुई। वह तिहाड़ जेल में रहे, लेकिन बाद में 60 से ज्यादा उम्र और आधी सजा पूरी होने की वजह से केंद्र की माफी स्कीम के तहत उन्हें 2 साल पहले रिहा कर दिया गया।
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