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पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग की। (फाइल फोटो)
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले के बाद हमलावर को पाकिस्तान से जोड़ने का मकसद देश की छवि को खराब करना था। उन्होंने इसे भारत-इजराइल जैसे दुश्मन देशों की साजिश बताया।
बुधवार को मीडिया ब्रीफिंग में तरार ने आरोप लगाया कि इस झूठी खबर को खासतौर पर भारत और इजराइल में सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए फैलाया गया। उन्होंने कहा कि बिना किसी सबूत और दस्तावेज के पाकिस्तान पर आरोप लगाए गए।
तरार ने सवाल उठाया कि झूठी खबरों से पाकिस्तान को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कैसे होगी? क्या माफी मांगी जाएगी या कानूनी कार्रवाई की जाएगी? तरार ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जांच में पेशेवर रवैया अपनाया और किसी देश पर बिना पुष्टि के आरोप नहीं लगाए।

तरार ने कहा कि पाकिस्तान हर तरह के आतंकवाद की हमेशा निंदा करता है और करता रहेगा (फाइल फोटो)
आतंकी हमला करने वाला साजिद भारतीय था
ऑस्ट्रेलिया में 14 दिसंबर को सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी लोगों पर हमला करने वाला आतंकी साजिद अकरम भारत का था। 50 साल का साजिद मूल रूप से तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला था।
उसने हैदराबाद से B.Com किया और स्टूडेंट वीजा पर नौकरी की तलाश में नवंबर 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया। बाद में उसने यूरोपीय मूल की महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की और वहीं स्थायी रूप से बस गया।
साजिद के पास अब भी भारतीय पासपोर्ट था। साजिद के परिवार वालों ने 2 मीडिया हाउस से बताया है कि उन्होंने कई साल पहले ही साजिद से अपने सारे रिश्ते तोड़ लिए थे, क्योंकि उसने एक ईसाई महिला से शादी कर ली थी।
साजिद का बेटा नवीद अकरम (24 वर्षीय) ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं। साजिद की एक बेटी भी है। तेलंगाना पुलिस के मुताबिक पहले भारत में साजिद के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
आतंकी हमले में 15 लोगों की मौत हुई है, वहीं 40 से ज्यादा लोग घायल हैं। आतंकी साजिद भी पुलिस की फायरिंग में मारा गया, जबकि उसका बेटा घायल है।

हमलावर बाप-बेटों ने ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर हनुक्का त्योहार के दौरान यहूदियों पर गोलीबारी की थी।
आखिरी बार 2022 में भारत आया था साजिद
भारत में मौजूद साजिद के रिश्तेदारों के मुताबिक, पिछले 27 सालों में साजिद का परिवार से संपर्क बहुत कम रहा। वह ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद छह बार भारत आया। इसके पीछे संपत्ति और बुजुर्ग माता-पिता से जुड़े पारिवारिक कारण थे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साजिद आखिरी बार 2022 में भारत आया था। बताया गया है कि वह अपने पिता के निधन के समय भी भारत नहीं आया। परिवार का कहना है कि उन्हें साजिद या नवीद के कट्टरपंथी विचारों या गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी।
इससे पहले CNN ने फिलीपींस के अधिकारियों के हवाले से बताया था कि साजिद अकरम अपने बेटे नवीद के साथ पिछले महीने 1 नवंबर को फिलीपींस गया था।
इस दौरान साजिद ने इंडियन जबकि उसके बेटे ने ऑस्ट्रेलियन पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। वो लोग एक महीने से हमले की तैयारी कर रहे थे।
फिलीपींस के इस्लामी गढ़ दावो शहर गए थे आतंकी
अधिकारियों के मुताबिक दोनों फिलीपींस के दावो शहर गए थे। दावो फिलीपींस के दक्षिण हिस्से में मिंडानाओ द्वीप पर है। मिंडानाओ में फिलीपींस की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है। यह इस्लामी उग्रवादी और विद्रोही संगठन का गढ़ माना जाता है। ये समुदाय अलग देश बनाने की मांग करते हैं।
इसके अलावा आतंकियों की गाड़ी से इस्लामिक स्टेट के दो झंडे बरामद हुए थे, जिससे उनके ISIS से जुड़े होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
लाइसेंसी बंदूक से हमलावर ने गोलीबारी की थी
पुलिस के मुताबिक, 50 साल के हमलावर साजिद अकरम के पास लाइसेंसी बंदूक थी, जिसका इस्तेमाल वह शिकार के लिए करता था। एनएसडब्ल्यू पुलिस कमिश्नर मल लैनयन ने कहा कि साजिद अकरम एक गन क्लब का सदस्य था और राज्य के कानून के तहत उसके पास लाइसेंस था।
साजिद अकरम के पास कानूनी रूप से 6 बंदूकें थीं। गोलीबारी के लिए निकलने से पहले बाप-बेटे ने अपने परिवार को कहा था कि वह मछलियां पकड़ने जा रहे हैं। अकरम अपने परिवार के साथ एक किराए के घर में रहता था।
हमले के बाद पुलिस ने इस मकान पर छापेमारी की। रिपोर्ट के मुताबिक साजिद अकरम फलों की दुकान चलाता था।
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