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हुनर हर किसी में होता है बस जरूरत होती है एक सही मंच और इच्छाशक्ति की। फतेहाबाद जिले की गांव पिरथला निवासी निर्मल राजपूत ने इस कथन को सार्थक साबित कर दिखाया है। उनके हाथों से बने बैगों की मांग चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान तक है। लोगों को बैग इतने पसंद आ रहे है कि आर्डर पूरे नहीं हो रहे हैं।
कोरोना महामारी के दौरान जब सब कुछ बंद था तभी एक दिन निर्मल राजपूत के जेहन में कुछ नया शुरू करने का ख्याल आया। उन्होंने ऑनलाइन प्रशिक्षण लेकर हैंड बैग बनाना सीखा और बनाना भी शुरू कर दिया। उनकी इस पहल में उनके पति सुभाष राजपूत ने भी पूरा साथ दिया। बैग बनाकर सबसे पहले पीजीआई चंडीगढ़ में अपनी सहेलियों के पास भेजा।
उन्हें बैग इतना पसंद आया कि वहां के डॉक्टर तक मांग करने लगे। छोटे से काम से शुरू हुआ ये सिलसिला अब कारवां बन चुका है। उन्हें समझ आया कि लोगों को अच्छी गुणवत्ता चाहिए कीमत चाहे जो भी देनी पड़े। कुरियर के जरिए अब सभी जगह बैग भेजे जा रहे हैं। निर्मल राजपूत यहीं नहीं रुकीं वे स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को जोड़कर उन्हें काम सीखा रही हैं और आत्मनिर्भर बना रही हैं।
लोन योजना का लिया लाभ, दूसरी महिलाओं को कर रही सशक्त
निर्मल ने बताया वे बारहवीं पास हैं और स्टेनो का कोर्स भी किया हुआ है। हमने स्वयं सहायता समूह के तहत सरकार की लोन योजना का लाभ भी लिया है ताकि काम को और ज्यादा बढ़ाया जा सके। उनसे महिलाएं जुड़ती जा रही हैं। बैग बनाने का काम सीख महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं तो आमदनी होने से आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा महिलाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती बस सही मंच नहीं मिलने के कारण वे अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पाती हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं।
बना रहीं कई तरह के डिजाइनर बैग
निर्मल ने बताया उन्होंने पैराशूट फैब्रिक का इस्तेमाल करके उसमें रबड़ शीट लगाकर हैंड बैग बनाने शुरू किए थे। इसके बाद डिजाइनर बैग तैयार करने शुरू किए। इसमें पैंसिल पाउच, लंच बॉक्स बैग, मेकअप बॉक्स समेत रोजाना काम में इस्तेमाल होने वाले बैग तैयार करने शुरू किए। बैग की ऑनलाइन डिमांड चंडीगढ़ के अलावा पंचकूला, मोहाली, हरियाणा के अलग-अलग जिलों, राजस्थान, पंजाब से आनी शुरू हुई और अब काम बहुत बढ़ चुका है।
अधिकारी के अनुसार
महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पूरी तरह से मदद करता है। महिलाओं को ट्रेनिंग भी दिलवाई जाती है और अन्य योजनाओं का लाभ भी दिलवाया जाता है ताकि वह आगे बढ़ सकें। -सतबीर सिंह, डीपीएम, हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन।
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