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<p>घर के बड़े-बुजुर्ग अक्सर कहते हैं कि नॉर्मस डिलीवरी महिला और बच्चे दोनों के लिए बहुत अच्छा होता है. नॉर्मल डिलीवरी में महिला का शरीर जल्दी रिकवर हो जाता है. लेकिन सिजेरियन में कई तरह की परेशानी होती है. लेकिन कहते हैं हर बार जो आप सोचते हैं वैसा हो यह मुमकिन नहीं होता है. कई महिलाओं के साथ ऐसा होता है कि डॉक्टर शुरू से नॉर्मल डिलीवरी की बात करते हैं लेकिन ऐन मौके पर सिजेरिययन डिलीवरी का फैसला लेते हैं. आज हम इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे कि आखिर किन कारणों से डॉक्टर को यह फैसला लेना पड़ता है. </p>
<p><strong>किन परिस्थितियों में डॉक्टर को लेना पड़ता है ये फैसला</strong></p>
<p>दरअसल, जब गर्भ में पल रहे बच्चे और मां को किसी भी तरह का खतरा होता है तो डॉक्टर यह फैसला लेते हैं कि सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए ही बच्चा को बाहर निकालना पड़ेगा. इस स्थिति में एमरजेंसी में सिजरेयिन ऑपरेशन का फैसला लेना पड़ता है. कई बार यह बहुत जल्दी में फैसला किया जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि डॉक्टरों के पास इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं होता है. </p>
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ऐन मौके पर सिजेरियन के लिए बोल रहा है डॉक्टर तो तुरंत करें ये काम
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