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इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजर स्कैम्स के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। साइबर क्रिमिनल्स फेक सर्टिफाइड एस्ट्रोलॉजर बनकर लोगों को फंसाते हैं, फ्री कंसल्टेशन से ट्रस्ट बनाते हैं और फिर पैसे मांगते हैं।
एक पीड़ित ने बताया कि फ्री कंसल्टेशन के बाद ₹10,000 की डिमांड की गई, लेकिन पेमेंट लिंक से बैंक अकाउंट खाली हो गया। साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने कहा- डिस्ट्रेस्ड लोग क्विक सॉल्यूशंस की तलाश में फंस जाते हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।
ऐसे में इस स्टोरी में जानेंगे कि भारत में एस्ट्रोलॉजी का मार्केट कितना बड़ा है, ये इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है, कहां-कहां एस्ट्रोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, एस्ट्रो से जुड़े साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का एस्ट्रोलॉजी का मार्केट
रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के मुताबिक भारत में एस्ट्रो मार्केट 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो चुका है। अकेले डिजिटल सेगमेंट में इसके 2030 तक 10 गुना बढ़ने की उम्मीद है।
केवल भारत में ही नहीं अमेरिकी मार्केट में भी ये पॉपुलर हो रही है। अलाइड मार्केट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में ऑनलाइन एस्टोलॉजी के मार्केट की वैल्यू करीब 3 बिलियन डॉलर का है। अगले पांच सालों में ये तीन गुना बढ़ सकता है।
सबसे पॉपुलर ज्योतिष एप्स में से एक को-स्टार के पास 3 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। वहीं प्यू रिसर्च सेंटर की स्टडी के मुताबिक, अमेरिका के करीब 30% लोग साल में कम से कम एक बार हॉरोस्कोप, टैरो कार्ड्स या फॉर्च्यून टेलर्स से सलाह जरूर लेते हैं।
ट्रेडिंग करने के लिए हो रहा एस्ट्रोलॉजी का इस्तेमाल
ज्योतिष भारत की जिंदगी का हिस्सा रहा है। शादी, पैसा, बेबी नेम्स तक फैसला लेने में इसका इस्तेमाल होता है। लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के आने से ये अब शादी-ब्याह और करियर से आगे निकलकर स्टॉक ट्रेडिंग तक पहुंच गया है।
कई ट्रेडर्स अब बैलेंस शीट के साथ ग्रह-नक्षत्र भी चेक करते हैं। 43 साल के कमोडिटी ट्रेडर जय पटेल कहते हैं कि बुध ट्रेडिंग टाइम बताता है, गुरु एक्सपेंशन का सिग्नल देता है और शनि स्लोडाउन वार्निंग। पटेल अपने सबसे मेमोरेबल ट्रेड के बारे में बताते हुए कहते हैं…
सारी ज्योतिषीय गणनाएं करने के बाद एक बार उन्होंने इस एस्ट्रोलॉजिकल विंडो में कॉल ऑप्शन खरीदा था। एस्ट्रो के आधार पर लिए गए इस ट्रेड में उन्हें 90 गुना रिटर्न मिला।
पटेल इंस्टीट्यूशनल ट्रेडर्स को अपनी सर्विस देते हैं, जिनमें से ज्यादातर भारत के बाहर बेस्ड हैं। बिजनेस कंसल्टेशन के लिए 200 डॉलर चार्ज करते हैं और महीने के 500 डॉलर में अपना एस्ट्रो-ट्रेडिंग डैशबोर्ड एक्सेस देते हैं। वो सेक्टर, एंट्री पॉइंट्स और एग्जिट टाइमिंग पर सलाह देते हैं।
सेक्टर ट्रेंड्स पर ग्रहों के आधार पर कमेंट्री के लिए CNBC आवाज और ET Now जैसे चैनल्स ज्योतिषियों को इनवाइट करते हैं। सेलिब्रिटी ज्योतिषी चिराग दारूवाला ने जुलाई में शुक्र-शनि के मूव्स से एनर्जी और डिफेंस स्टॉक्स में बुलिश रिटर्न प्रेडिक्ट किया था।

जय पटेल ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर ट्रेड करते हैं और सलाह भी देते हैं।
ऑनलाइन ज्योतिष के बढ़ने के 2 बड़े कारण
- युवाओं का बढ़ता क्रेज: आजकल 35 साल से कम उम्र वाले लड़के-लड़कियां ज्यादा एप्स यूज करते हैं। उन्हें करियर, लव लाइफ या जॉब की टेंशन होती है, तो वे सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए ही क्विक कंसल्टेशन ले लेते हैं।
- AI से सस्ता कंसल्टेंशन: AI टूल्स ने गणना तेज कर दी है। ये इंसान से 5 गुना ज्यादा सवालों का जवाब एक ही टाइम में दे सकता है। ये बायस्ड नहीं होता और सस्ता भी है।
35 साल से कम उम्र के है एस्ट्रोटॉक के 84% यूजर्स
एस्ट्रोटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर महीने में 50 लाख पेड कंसल्टेशन हो रहे हैं। इसके फाउंडर पुनीत गुप्ता कहते हैं, एप पर 7 करोड़ यूजर्स में 84% 35 साल से कम उम्र के है।

एस्ट्रोटॉक एप पर 7 करोड़ यूजर्स में 84% 35 साल से कम उम्र के है।
सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल? “मेरा एक्स कब वापस आएगा?”
एप पहले ही टैप पर नाम, बर्थ डिटेल्स और लोकेशन मांग लेता है। सेकंड्स में यूजर्स को ज्योतिषियों से मैच कर देता है। जैसे ही फ्री मिनट्स खत्म होते हैं, रिचार्ज के लिए मैसेज पॉप अप हो जाता है। रेट्स 250 रुपये प्रति मिनट तक जाते हैं।
एप पर एक डिस्क्लेमर भी है: वेबसाइट की सर्विसेज “सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए” हैं। वहीं प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल? “मेरा एक्स कब वापस आएगा?”
AI स्पीड व एक्यूरेसी में ह्यूमन ज्योतिषियों से बेहतर
कुछ वेबसाइट्स अब AI का इस्तेमाल करके कंसल्टेशन दे रही हैं। AstroSage AI ने 2018 में Bhrigoo.ai नाम का एल्गोरिदम-पावर्ड प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। इसके फाउंडर फाउंडर पुनीत पांडे ने कहा 10 साल में लोग ज्योतिष को आज से 100 गुना ज्यादा यूज करेंगे।
कंपनी का कहना है कि ज्योतिष में कॉम्प्लेक्स कैलकुलेशन्स लगते हैं और AI स्पीड व एक्यूरेसी में ह्यूमन ज्योतिषियों से बेहतर है। एक ही टाइम में 5 गुना ज्यादा सवालों का जवाब दे सकता है।
ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजी स्कैम का खतरा बढ़ रहा
AI टूल्स के आने से एस्ट्रोलॉजी तेजी से बढ़ रही है। लेकिन, इससे ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजी स्कैम का खतरा भी बढ़ रहा है। कई लोग इन स्कैम्स के शिकार हो चुके हैं। फेक ज्योतिषी बनकर कई लोग फ्री कंसल्टेशन ऑफर करते हैं, लोगों की प्रॉब्लम्स सुनकर लॉजिकल एक्सप्लेनेशन देते हैं।
फिर भविष्य में परिवार की कलह, हेल्थ इश्यू या जॉब लॉस जैसी मुसीबतें बताते हैं। रिचुअल्स या ज्योतिष रेमेडीज के लिए पैसे मांगते हैं, जैसे प्रार्थना या पूजा के नाम पर एडवांस। पेमेंट के लिए लिंक्स या एप्स भेजते हैं, जो फोन एक्सेस या बैंक डिटेल्स चुराने के लिए यूज होते हैं।
इन स्कैम्स से कैसे बचें
- पर्सनल या फाइनेंशियल डिटेल्स कभी शेयर न करें, न ही पेमेंट लिंक्स पर क्लिक करें।
- बिना वेरिफिकेशन एप डाउनलोड या OTP शेयर करने से बचें, क्योंकि ये फोन एक्सेस देते हैं।
- जेनुइन ज्योतिषी बैंक डिटेल्स या OTP नहीं मांगते; पहले क्रेडिबिलिटी वेरिफाई करें।
- अवेयरनेस ही बेस्ट डिफेंस है, क्योंकि साइबर फ्रॉड्स लगातार इवॉल्व हो रहे हैं।
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एस्ट्रोलॉजर स्कैम-पेमेंट लिंक से बैंक अकाउंट खाली हो रहे: 60 हजार करोड़ रुपए का मार्केट; युवा पूछ रहे- एक्स कब वापस आएगा

