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- N. Raghuraman’s Column Happiness Is A Mood That Creates A Positive Mood
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
मैं एक ऐसे युवा को जानता हूं, जो 2015 में पुणे स्थित एक संगठन में अस्थायी कर्मचारी के रूप में शामिल हुए और नौ वर्षों में पांच पदोन्नतियां हासिल करते हुए उन लोगों को पछाड़ दिया, जो 25-30 वर्षों से वहां काम कर रहे थे।
पिछले हफ्ते मैं कंपनी के मालिक से एक डिनर पर मिला तो उनसे पूछा कि उन्होंने उस विशेष कर्मचारी को इतनी बार क्यों पदोन्नत किया? उन्होंने कहा, क्योंकि वह “हैप्पीनेस कॉलर’ पहनकर कार्यालय आता है! आप सोच रहे होंगे कि यह क्या है? तो आगे पढ़ें।
आपने पुणे के पास जुन्नार डिवीजन में खेत-मजदूरों के बारे में सुना होगा, जिन्होंने जान बचाने के लिए “सी’ आकार का एक नुकीला कॉलर अपनी गर्दन में पहनना शुरू कर दिया है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि तेंदुए आम तौर पर किसी व्यक्ति की गर्दन को पकड़ लेते हैं और अपने दांतों को गहराई तक गड़ाकर उसे मार देते हैं।
पिछले पांच वर्षों में उस क्षेत्र में तेंदुए बहुत बढ़ गए हैं। लेकिन आप में से कई लोगों ने निश्चित रूप से देखा होगा कि या तो कार्यस्थल पर इच्छित पदोन्नति और वेतन-वृद्धि न देकर जानबूझकर आपका करियर खत्म किया जा रहा है या ऊपर बताए गए युवा कर्मचारी की तरह कुछ लोगों को हर साल बिना किसी अपवाद के वेतन-वृद्धि और पदोन्नति या दोनों मिलते रहते हैं। क्योंकि वे भी एक खास किस्म की कॉलर पहनते हैं और कॉर्पोरेट में उसे “हैप्पीनेस कॉलर’ कहा जाता है।
तो यह “हैप्पीनेस कॉलर’ क्या है? इसे धारण करने वाले कर्मचारी तब भी मुस्कराते हैं, जब उनका काम बहुत थका देने वाला होता है। प्रबंधन को लगता है कि वे कार्यालय में “हैप्पी वॉरियर्स’ हैं। उनकी मुस्कराहट शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को संकेत देती है कि वे नकारात्मकता और बर्न-आउट के शिकार नहीं हुए हैं।
यदि आप उनसे पूछें कि काम से लदे होने के बावजूद वे क्यों मुस्कराते रहते हैं, तो वे आपको एक और बड़ी स्माइल देंगे, गले लगाएंगे और अपना काम पूरा करने के लिए डेस्क की ओर चल देंगे, क्योंकि उनके खुशमिजाज स्वभाव के पीछे एक तीव्र महत्वाकांक्षा छिपी होती है। वे अपनी डेस्क की ओर जाते समय खुद से कहते होंगे : “मैं काम पूरा करना चाहता हूं और अधिक पैसे कमाना चाहता हूं।’
ये मुस्कराते हुए सहकर्मी जन्मजात ऐसे नहीं थे। जहां ज्यादातर कर्मचारी देर तक काम करके या कुछ खास कौशल विकसित करके प्रबंधन को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, वहीं इन अथक आशावादी लोगों की यह छोटी सेना सिर्फ काम का अतिरिक्त बोझ उठाते हुए मुस्कराकर बाकी सभी को मात देने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
“हैप्पी वॉरियर्स’ का मतलब है अपमानित महसूस करने पर लोगों को संदेह का लाभ देना और निराशा को व्यक्तिगत रूप से नहीं लेना। इसका परिणाम यह रहता है कि वे खराब मूड में नहीं आते और उनका प्रदर्शन प्रभावित नहीं होता।
एचआर मैनेजर भी हर पदोन्नति से पहले यह देखना चाहते हैं कि आप पेशेवर रूप से चुनौतियों को संभालने में सक्षम हैं और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ते हैं। ऐसे लोग कार्यस्थल पर बहुत ऊर्जा लेकर आते हैं और निस्संदेह उन्हें अधिक काम भी मिलता है। लेकिन इसके नतीजे में उन्हें स्पष्ट रूप से प्रबंधन की तवज्जो मिलती है, जो पदोन्नति और वेतन-वृद्धि में तब्दील हो जाती है। खुशी एक सकारात्मक मानसिकता की ओर ले जाती है, जो कार्यस्थल पर मैत्रीपूर्ण रवैए और साथ ही निर्णय लेने में कठोरता को दर्शाती है।
कई लोग वेतन-वृद्धि और बेहतर पद के लिए हर दो साल में नौकरी छोड़ देते हैं। लेकिन प्रबंधन जानता है कि एक कंपनी के साथ लंबे समय तक जुड़े रहना मुश्किल है, वह भी मुस्कराते हुए। ऐसे कर्मचारी जानते हैं कि खुशी एक हथियार है और उनकी दयालुता दुश्मनों (पढ़ें पदोन्नति के लिए प्रतिस्पर्धियों) को मार सकती है। याद रखें कि खुशी एक निजी निर्णय है और नाराजी जताने से प्रबंधन किसी का कार्यभार कम नहीं करने वाला।
फंडा यह है कि दिसंबर के इस पूरे महीने को खुशी के महीने के रूप में मनाएं और देखें कि यह आपके 2024 को कैसे अच्छे रूप में समाप्त करता है और 2025 के लिए कैसे एक नया आशावादी द्वार खोलता है।
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एन. रघुरामन का कॉलम: हैप्पीनेस एक ऐसा मूड है जो सकारात्मक मनोदशा रचता है

