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- N. Raghuraman’s Column How Much Sugar Do Your Kids Consume While Travelling By Train?
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
बुधवार को मुंबई के सीएसटी स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार करते हुए मैं एक विदेशी अखबार पढ़ रहा था, जिसमें लेख था कि हम सभी एक दिन में कितनी अतिरिक्त शकर खाते हैं। लेख में बताया गया था कि एक औसत अमेरिकी सुबह के नाश्ते में ही लगभग 17 चम्मच शकर खा लेता है, जबकि एक सक्रिय वयस्क को पूरे दिन में केवल 12 चम्मच (50 ग्राम) शकर का ही सेवन करना चाहिए।
कई देशों के हार्ट एसोसिएशंस तो इससे भी बहुत कम शकर के सेवन की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि धूप में कड़ी मेहनत करने वाले पुरुषों को भी दिन में 9 चम्मच से ज्यादा अतिरिक्त शकर नहीं खानी चाहिए, जो 36 ग्राम के बराबर है। वहीं घर पर आराम से काम करने वालों को तो 6 चम्मच से ज्यादा अतिरिक्त शकर नहीं खानी चाहिए, जो कि प्रतिदिन 25 ग्राम के बराबर है।
जैसे ही ट्रेन आई और मैं उसमें सवार हुआ, तीन लोगों का एक परिवार भी उस फर्स्ट क्लास कूप में बैठा। दो बच्चों के पास एक स्टारबक्स की वनीला फ्रैपुचीनो कोल्ड कॉफी ड्रिंक की बोतल थी। मैंने अखबार खोला और उसमें शकर की मात्रा देखी। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उसमें 7.5 चम्मच चीनी थी! लेख में आगे पूछा गया था कि अगर आप घर पर कॉफी बनाते हैं, तो क्या आप उसमें एक चम्मच से ज्यादा चीनी डालेंगे?
शाम 4.50 बजे ट्रेन कल्याण पहुंची और चाय परोसी जाने लगी। उसके साथ नमकीन बादाम, एक सैंडविच और एक भारतीय कंपनी का 30 ग्राम वजन का ड्राई फ्रूट पतीसा था। बच्चों ने उसे भी झट से खा लिया। मैंने बस पतीसा के पैकेट को पलटकर देखा और पता किया कि इसमें कितनी चीनी है। उसमें 100 ग्राम में 43.9 ग्राम अतिरिक्त चीनी सहित कुल 45 ग्राम शकर थी, जो 11 चम्मच शकर के बराबर है। इसका मतलब है कि 30 ग्राम पतीसा में 4 चम्मच अतिरिक्त शकर थी।
मां ने बच्चों के लिए चाय की जगह थोड़ा दूध मांगा और उसमें सिंगल यूज सीरियल्स को मिलाया, जिनमें पहले ही तीन चम्मच अतिरिक्त चीनी थी। बच्चों ने इसमें भी चाय की ट्रे में दिए गए 5 ग्राम चीनी के पाउच को मिला दिया, और दोनों को मिलाकर लगभग चार चम्मच चीनी बनती थी।
ट्रेन अगले पड़ाव नासिक के लिए रवाना हुई। बाहर बारिश हो रही थी, जबकि ट्रेन के अंदर कूप में कुछ मिनटों की शांति रही। अचानक घाट सेक्शन में बहने वाली प्राकृतिक जलधारा ने बच्चों को आकर्षित किया और वे उसकी तस्वीरें लेने लगे।
एक बच्चे ने हल्के पेट दर्द की शिकायत की और जब उसकी मां ने पूछा कि क्या वह सुबह टॉयलेट गया था, तो उसने ना कहा। तुरंत मां ने कुछ इम्पोर्टेड योगर्ट उसे यह कहते हुए खिला दिया कि दही उसके बाउल मूवमेंट को आसान बना देगा। फेज टोटल 2% हनी ग्रीक योगर्ट के उस एक सर्व-कप में 25 ग्राम अतिरिक्त शकर थी, जो छह चम्मच शकर के बराबर है।
मैंने मां की फूड-बास्केट में कई चॉकलेट एनर्जी बार भी देखे, जिनमें से प्रत्येक में तीन-तीन चम्मच के बराबर शकर थी। जिस बच्चे ने दही नहीं खाया था, उसने एक एनर्जी बार खाया। यानी ट्रेन चलने के साढ़े तीन घंटे के भीतर ही एक बच्चे ने 18.5 और दूसरे ने 21.5 चम्मच अतिरिक्त शकर का सेवन कर लिया था।
जब ट्रेन नासिक से अपने अगले पड़ाव जलगांव के लिए रवाना हुई, तो कैफेटेरिया में डिनर परोसने की तैयारी चल रही थी। जलगांव के करीब डिनर प्लेट आई और दो चीजों ने बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ला दी- रसगुल्ला और वनीला आइसक्रीम। अब मेरे पास शकर के चम्मच गिनने की हिम्मत नहीं बची थी, जो इन दो चीजों में थी। मैं चुपचाप जलगांव उतर गया और उन्हें अपना डिनर खाने दिया।
फंडा यह है कि अनजाने में ही हम अपने बच्चों को सुविधा की आड़ में दिए जाने वाले प्रोसेस्ड फूड के जरिए कई चम्मच अतिरिक्त शकर खिला रहे हैं। सोचिए, क्या आप उनके मोटापे में योगदान नहीं दे रहे हैं?
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एन. रघुरामन का कॉलम: रेलयात्रा के दौरान आपके बच्चे कितनी शकर खाते हैं?