[ad_1]
- Hindi News
- Opinion
- N. Raghuraman’s Column Maternity, Paternity Leave Are Now A Thing Of The Past, ‘paternity’ Leave Is New!
21 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
“मैं आज काम पर नहीं आ पाऊंगा, क्योंकि मेरा इकलौता बेबी नहीं रहा।’ इस वॉट्सएप संदेश ने एचआर प्रमुख को झकझोर दिया क्योंकि यह संदेश भेजने वाला व्यक्ति अभी अविवाहित था। एचआर प्रमुख जाहिराना तौर पर मामले को तूल नहीं देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने तुरंत जवाब दिया, “ओह, यह सुनकर दुख हुआ।
कृपया अपना ख्याल रखें, काम की चिंता न करें और मुझे बताएं कि एक कंपनी के रूप में हम किस तरह से आपकी मदद कर सकते हैं। वैसे, क्या मैं आपको कॉल कर सकता हूं?’ और जब कर्मचारी ने जवाब में हां कहा तो एचआर ने उसे फोन किया। पता चला कि उसी सुबह उसके पालतू कुत्ते की नींद में ही मृत्यु हो गई थी और वह उसके शोक में था।
उसे उसका अंतिम संस्कार भी करना था। एचआर ने तुरंत एक पेट-वैन का इंतजाम किया, वह एक घंटे तक कर्मचारी के साथ भी रहा, फूल मंगवाए और अंतिम संस्कार में उसकी मदद की। जब कर्मचारी काम पर लौटा, तो वह अपनी और पालतू जानवर की फ्रेम की गई तस्वीर को अपनी टेबल पर देखकर हैरान रह गया। उन तस्वीरों को सोशल मीडिया से डाउनलोड किया गया था। एचआर प्रमुख जानते थे कि जिस ने भी अपने पेट को खोया है, वो आपको बता सकता है कि यह उसके जीवन के सबसे बुरे दिनों में से एक था।
कई कर्मचारी अब परिवार में किसी की मृत्यु पर शोक मनाने के लिए छुट्टी ले सकते हैं और पालतू जानवरों को सौ प्रतिशत परिवार का सदस्य माना जाता है। यह कार्यस्थलों पर एक नई और विशिष्ट सुविधा है, जिसे कई वैश्विक संगठनों ने देना शुरू कर दिया है।
वे मानते हैं कि कर्मचारी के घर पर पालतू जानवर होने से उनकी उत्पादकता बढ़ती है, वे देखभाल करने वाले बनते हैं और कई मुद्दों को हमदर्दी की नजर से देखते हैं। कई कंपनियों ने मानना शुरू कर दिया है कि पालतू जानवरों के स्वामित्व ने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाया है।
इतना ही नहीं, यूनाइटेड एयरलाइंस, वेरिज़ोन जैसी कंपनियां- जो अमेरिका में स्थित एक दूरसंचार कंपनी है- छूट वाले पेट-इंश्योरेंस भी प्रदान कर रही हैं। जबकि एबोड जैसी कुछ कंपनियां पेट-टेलीहेल्थ सेवाओं के माध्यम से सब्सिडी वाले ऑनलाइन पशु चिकित्सक तक पहुंच प्रदान करती हैं। 9सेल नामक एक लीगल सर्च मार्केटिंग फर्म ने पिछले साल तक नए पालतू जानवरों के घर पर सेटल होने के लिए दो दिन की छुट्टी की पेशकश की और 2025 से वे इसे बढ़ाकर तीन दिन करने जा रहे हैं।
अच्छे, उत्पादक कर्मचारी- जो नियोक्ता से जॉइनिंग फीस मांग रहे थे- अब पेट-इंश्योरेंस और “पॉटर्निटी’ (pawternity) लीव भी मांग रहे हैं। 2023 प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक लगभग दो तिहाई अमेरिकियों के पास एक पालतू जानवर है, और उनमें से आधे का कहना है कि उनके पेट्स उनके परिवार का उतना ही हिस्सा हैं, जितना कि कोई मानव सदस्य।
चूंकि दुनिया भर में महामारी के बाद कई कर्मचारियों ने जानवरों को गोद लिया है, इसलिए कुछ कंपनियां कर्मचारियों को अपनी सिक-लीव को “पॉटर्निटी’ लीव के रूप में उपयोग करने की अनुमति देती हैं। विदेश में, यदि कोई कर्मचारी बीमार है और सिक लीव लेता है, तो उसे सिक एंड फिट प्रमाण-पत्र प्रदान करना होता है। लेकिन अगर वे अपनी सिक लीव को “पॉटर्निटी’ लीव में बदल देते हैं तो उन्हें बीमारी का कोई प्रमाण-पत्र दिखाने की जरूरत नहीं है। यह सुविधा उनके पालतू जानवरों के लिए भी उपलब्ध है।
इसके अलावा, ये कर्मचारी ‘वर्क फ्रॉम होम’ सिस्टम में पूरे किए जा सकने वाले किसी भी काम के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं, सिवाय उन दो घंटों के जब वे अपने पेट्स को पशु चिकित्सक के पास ले जाते हैं। और जैसे-जैसे दिन के दौरान पालतू जानवर की सेहत में सुधार होता है, कर्मचारी घर बैठकर भी लक्ष्य को प्राप्त करने में अधिक योगदान देता है, ऐसा एचआर अधिकारियों का मानना है।
फंडा यह है कि अच्छी कंपनियों में एचआर कंपनी के प्रशासकीय खर्चों को बढ़ाए बिना अच्छे कर्मचारियों को बनाए रखने के रास्ते खोज रहे हैं और “पॉटर्निटी’ लीव ऐसी ही एक नई सुविधा है।
[ad_2]
एन. रघुरामन का कॉलम: मैटर्निटी, पैटर्निटी लीव अब पुरानी बात हो गई, ‘पॉटर्निटी’ लीव नई है!