in

एन. रघुरामन का कॉलम: ‘पॉटरी कला’ को ‘नया योग’ क्यों कहा जा रहा है? Politics & News

एन. रघुरामन का कॉलम:  ‘पॉटरी कला’ को ‘नया योग’ क्यों कहा जा रहा है? Politics & News

[ad_1]

  • Hindi News
  • Opinion
  • N. Raghuraman’s Column: Why Is ‘pottery Art’ Being Called The ‘new Yoga’?

20 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

इस रविवार, वाट्सएप मैसेज का बैकलॉग चेक करते समय मैंने अपने एक दोस्त के स्टेटस पर तस्वीर देखी। वह क्ले से बनी कुछ सजावटी व प्राचीन चीजों के बीच खड़ा था। जब मैंने ये जानने के लिए तस्वीर पर क्लिक किया कि वो कहां है, तो मैं हैरान रह गया। सफेद पैंट-शर्ट पहने हुए उसके हाथ क्ले में भिड़े थे और वह लालटेन पकड़े था।

जब मैंने उसे फोन किया, तो उसने मुझे एक और तस्वीर भेजी। इसमें हमारे कुछ अन्य परिचित भी उसके साथ रविवार की एक पॉटरी क्लास में पोज दे रहे थे। हर कोई पिछले तीन रविवार की क्लास में खुद की बनाई कलाकृति पकड़े था।

पहले हफ्ते में उन्होंने कला सीखी, दूसरे हफ्ते में कप, गिलास या फूलदान बनाया और एक हफ्ते तक सूखने दिया। इस रविवार को उन्होंने उसे रंगा। उनके चेहरों पर सुंदर-उपयोगी वस्तुएं बनाने की खुशी झलक रही थी। तभी मुझे एहसास हुआ कि सिरेमिक व पॉटरी (क्ले या मिट्टी से कलात्मक चीजें बनाना) की दुनिया युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रही है। यह स्थिरता व आत्म-अभिव्यक्ति का संगम है, जो उनकी व्यस्त जिंदगी में ताजगी भरी राहत प्रदान करती है।

आज के समय में जब वेलनेस ट्रेंड्स तेजी से बदल रहे हैं, प्राचीनतम कलाओं में से एक पॉटरी एक बार फिर से लोकप्रिय हो रही है। कई युवा मानते हैं कि यह कला, मानसिक शांति और आराम का सही मिश्रण है, जो योग या ध्यान के समान एक चिकित्सीय अनुभव प्रदान करती है।

चाहे आप रचनात्मक पुनरुत्थान की तलाश में हों, तनाव से राहत चाहते हों, या आत्म-अभिव्यक्ति का माध्यम खोज रहे हों, पॉटरी एक नया क्लासरूम बन गया है। पिछले आठ-दस वर्षों में यह अपमार्केट सर्कल में एक ट्रेंड बन गया है। 1 से 12 हफ्तों के ये कार्यक्रम शहरी युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं?

पहला कारण इसकी पहुंच है और दूसरा ध्यान केंद्रित करने वाला गुण। पहले क्ले पकाने के लिए भट्टी एक बड़ी बाधा थी, पर आज ये छोटे एयर कंडीशंड स्टूडियो में उपलब्ध हैं। दबाव में काम करने वाले अधिकांश युवा समझ चुके हैं कि पॉटरी के चिकित्सीय लाभ हैं। मेरे एक मित्र ने कहा, ‘ये ध्यान की तरह है, जो आपको दिनचर्या से अलग करने में मदद करता है।

’अधिकांश शिक्षित लोग इस प्राचीन कला की ओर लौट रहे हैं क्योंकि यह न केवल विज्ञान है, जिसमें सामग्री, ऑक्साइड, फायरिंग, ग्लेजिंग का ज्ञान जरूरी है, बल्कि कला भी है, जिसमें पेंटिंग है। आप ताज्जुब कर रहे होंगे कि आखिर क्यों पॉटरी लोकप्रिय वेलनेस ट्रेंड बनता जा रहा है? इसके पीछे कई कारण हैं।

1. माइंडफुलनेस व मेडिटेशनः मिट्टी के साथ काम करने के लिए फोकस की जरूरत है, इससे मानसिक उथल-पुथल कम होती है। बार-बार चाक घुमाकर बर्तन बनाना या हाथ से आकार देना, दोनों ही क्रियाएं ध्यान की तरह शांतिप्रद और थेरेप्यूटिक होती हैं।

2. तनाव में कमीः मिट्टी को आकार देने का स्पर्श अनुभव व रचनात्मक प्रक्रिया दैनिक चिंताओं से ध्यान हटाने में मदद करती है। इसका सीधा असर होता है कि यह कोर्टिसोल को कम करता है। कोर्टिसोल एक ऐसा हार्मोन है जो तनाव और चिंता से जुड़ा होता है।

3. थेरेप्यूटिक लाभः कुछ लोगों के लिए शब्दों में अपनी बात कहना मुश्किल होता है। उनके लिए कुछ बनाना एक प्रकार का संवाद है। इसका एक स्पष्ट लाभ यह है कि यह स्क्रीन से डिस्कनेक्ट कर प्राकृतिक स्व के साथ जुड़ने का मौका देता है। पॉटरी मूर्त कला के माध्यम से आत्म-अभिव्यक्ति की अनुमति देता है। यह प्रक्रिया आत्म-सम्मान और उपलब्धि की भावना को बढ़ा सकती है।

4. शारीरिक लाभः फायदों की सूची में ये सबसे निचले क्रम पर हो सकते हैं। लेकिन मिट्टी को गूंथने, आकार देने और मोल्ड करने की शारीरिक क्रिया उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो शारीरिक चोटों से उबर रहे हैं। मिट्टी के साथ काम करना फाइन मोटर स्किल्स और हाथ की दक्षता में सुधार कर सकता है।

फंडा यह है कि पॉटरी कला युवाओं को उनकी व्यस्त जिंदगी से बचने का मौका देता है। यह कला, माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन का मिश्रण है और इस तरह यह “नया योग” बनती जा रही है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
एन. रघुरामन का कॉलम: ‘पॉटरी कला’ को ‘नया योग’ क्यों कहा जा रहा है?

Gurugram News: राजीव और झाड़सा चौक के बीच से हाईवे पर चढ़ने के लिए कट खोला  Latest Haryana News

Gurugram News: राजीव और झाड़सा चौक के बीच से हाईवे पर चढ़ने के लिए कट खोला Latest Haryana News

हिसार से चंडीगढ़ के लिए पहली फ्लाइट उड़ी:  CM ने भी सफर किया, सैनी बोले- जल्द जयपुर, जम्मू और अहमदाबाद के लिए शुरू होगी – Haryana News Chandigarh News Updates

हिसार से चंडीगढ़ के लिए पहली फ्लाइट उड़ी: CM ने भी सफर किया, सैनी बोले- जल्द जयपुर, जम्मू और अहमदाबाद के लिए शुरू होगी – Haryana News Chandigarh News Updates