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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
यात्राओं के दौरान अक्सर मेरी नींद पूरी नहीं हो पाती। नींद की कमी के बाद कई लोग अगली रात में अतिरिक्त घंटे सोकर भरपाई की कोशिश करते हैं, उनसे अलग मैं अपनी यात्रा से पहले ही कुछ अतिरिक्त घंटे सोने की कोशिश करता हूं, जैसे मैं अपने शरीर में कुछ नींद जमा कर रहा हूं।
मेरी पत्नी इस उपाय पर खूब हंसती हैं। भारतीय सेना के साथ कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मैंने ‘स्लीप बैंकिंग’ के बारे में सुना है। दरअसल किसी भी मिशन में सैनिकों के लिए नींद लेना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में सैनिकों की थकान को कम करने की रणनीति के तौर पर इसे साल 2009 में परखा गया था।
तो स्लीप बैंकिंग क्या है? यह एक ऐसा आइडिया है, जिसमें नींद की कमी वाली अवधि से पहले के दिनों में अतिरिक्त नींद ली जाए, ताकि आप सोने की कमी के प्रति अधिक सहनशील हो जाएं। यह ऐसा है जैसे ‘निकासी’ की जरूरत पड़ने से पहले आप स्लीप ‘बैंक’ में ‘जमा’ कर रहे हों।
वस्तुत: यही कारण है कि डॉक्टर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ सर्जरी और मैराथन जैसे शारीरिक कष्ट वाले आयोजन से पहले इस रणनीति को अपनाने की सलाह देते हैं। ऐसी बैंकिंग कम समय के लिए तो बेहतरीन हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यदि आप हर वक्त इसे दोहराते हैं तो यह हानिकारक हो सकता है।
साल 2009 में अमेरिका के मैरीलैंड स्थित वॉल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च में एक प्रयोग हुआ, जिसमें 18 से 39 वर्ष के 24 आम नागरिकों व सेवारत सैन्यकर्मियों में विस्तारित नींद का प्रभाव जांचा गया। उन्हें पहले 10 घंटे तक सुलाया गया और फिर नींद पर प्रतिबंध वाले घंटों से गुजारा गया। फिर शोधकर्ताओं ने उनकी सतर्कता और प्रदर्शन मापने की जांच की।

परिणाम में सामने आया कि स्लीप बैंकिंग ने नींद की कमी के दौरान ना सिर्फ सतर्कता और प्रदर्शन को सुधारा, बल्कि रिकवरी को भी तेज किया। जिन सदस्यों को अतिरिक्त नींद मिली थी, उन्होंने तयशुदा घंटों की नींद लेने वालों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।
साल 2015 में 14 स्वस्थ पुरुषों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में साबित हुआ कि छह रातों की विस्तारित नींद ने सोने के अभाव वाले पूरे 21 घंटों के दौरान प्रदर्शन को बेहतर बनाए रखा और इससे निद्रा की कमी का तनाव भी कम हुआ।
विकसित देशों में फिजिशियंस को स्लीप बैंकिंग का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है, ताकि मरीजों की सुरक्षा बनी रहे, क्योंकि कुछ मौकों पर ये डॉक्टर्स बिना नींद लिए 24-24 घंटे काम करते हैं। चूंकि नींद एक दवा है, इसलिए स्लीप बैंकिंग निश्चित ही शिफ्ट वर्कर्स में थकान को कम कर सकती है, खासकर रोटेशन शिफ्ट वाले कर्मचारियों में, क्योंकि वे नॉन शिफ्ट वर्कर्स की तुलना में लगातार कम सो पाते हैं। टाइट शेड्यूल वाले कई लोगों के लिए विस्तारित नींद संभव नहीं है, लेकिन जिन लोगों के काम में फ्लेक्सिबिलिटी है और जो इसका अभ्यास कर सकते हैं, उनके लिए ये रणनीतियां काम कर सकती हैं।
1. जहां भी संभव हो, सोएं: जब मैं कार में बैठता हूं, तो ड्राइवर को बता देता हूं कि कहां जाना है और तत्काल सो जाता हूं, खासकर तब जबकि मैं अपनी रात की नींद को बढ़ा सकता हूं। विशेषज्ञों का कहना है कि झपकियां फायदेमंद हैं। 2. जब भी अतिरिक्त नींद मिले, लपक लें: अलसुबह की शिफ्ट के कर्मचारियों को 6 बजे रिपोर्ट करना होता है, मतलब उन्हें सुबह 5 बजे घर से निकलना होता है और लंच के 30 मिनट में वो पहले 10 मिनट में कैंटीन में भागकर खाना खाते हैं और तुरंत ड्रेस चेंजिंग रूम में जाकर 20 मिनट आराम करते हैं। इसे थोड़ी अतिरिक्त नींद लपकना कहते हैं।
3. अत्यधिक स्लीप बैंकिंग ना करें: स्लीप बैंकिंग भविष्य में होने वाली नींद की अस्थायी कमी के लिए है। लेकिन एक व्यस्क को सेहतमंद जीवन के लिए हर रात सात घंटे सोना चाहिए। संक्षेप में अपनी स्लीप हाइजीन में सुधार करें।
फंडा यह है कि आदर्श तौर पर तो शरीर को अच्छी नींद देकर रीचार्ज करने के लिए हर रात मायने रखती है। लेकिन कभी-कभार यह दुनिया हमसे देर रात तक काम करने को कहती है। जब ऐसा होने वाला हो तो नींद के अभाव वाली अनुमानित अवधि से पहले कुछ घंटे की झपकी लें।
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एन. रघुरामन का कॉलम: नींद को भी ‘बैंक’ में जमा कर सकते हैं!