in

एन. रघुरामन का कॉलम: ध्यान दें, ‘केयरिंग बिजनेस’ अलग-अलग रूपों में बढ़ रहा है Politics & News

एन. रघुरामन का कॉलम:  ध्यान दें, ‘केयरिंग बिजनेस’ अलग-अलग रूपों में बढ़ रहा है Politics & News

[ad_1]

  • Hindi News
  • Opinion
  • N. Raghuraman’s Column Pay Attention, ‘caring Business’ Is Growing In Different Forms

18 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

रोमा प्रताप राय रायपुर स्थित एक टीवी चैनल में वाइस-प्रेसिडेंट (बिजनेस) थीं। वे नहीं चाहती थीं कि उनका बच्चा बस से स्कूल जाए, लेकिन उन्हें घर के नजदीक कोई ऐसा स्कूल नहीं मिला, जिससे उनका बच्चा पैदल स्कूल जा सके।

जब उन्हें स्कूल मिला- जो उनकी अपेक्षानुरूप समीप नहीं था- तो उन्होंने यह परखने के लिए वहां जाने का फैसला किया कि वो लोग कैसे काम करते हैं। उन्हें तब निराशा हुई, जब स्कूल अधिकारियों ने उनसे पहले फीस पर बात की, शायद इसलिए क्योंकि अगर अभिभावक इतनी फीस देने के लिए तैयार नहीं थे, तो वे अन्य बातों पर चर्चा करने में समय बर्बाद नहीं करना चाहते थे। स्कूल के इस व्यवहार ने उन्हें मायूस किया।

रोमा को लगा कि प्री-स्कूल हमेशा ‘केयरिंग’ के दृष्टिकोण पर आधारित होना चाहिए और फीस को इस काम का निष्कर्ष ही समझा जाना चाहिए, फिर चाहे वह अधिक हो या कम। उस स्कूल से हुई निराशा ने धीरे-धीरे उनके मन में यह बीज बो दिया कि अगर वे ‘केयरिंग’ शब्द के प्रति इतनी प्रतिबद्ध हैं तो उन्हें अपना खुद का प्री-स्कूल शुरू करना चाहिए। लेकिन यह तुरंत नहीं हो सकता था। इसके लिए बहुत तैयारी करनी पड़ती है।

इसलिए उन्होंने अपने बच्चे को किसी दूसरे स्कूल में दाखिला दिलाया, जहां वह बीमार होने के कारण 12 दिनों से अधिक समय तक नहीं जा सका। उन्हें महसूस हुआ कि स्कूल ने फोन करके यह पूछने की भी जेहमत नहीं उठाई कि बच्चा लगभग दो हफ्तों से अनुपस्थित क्यों है। इन अनुभवों ने आखिरकार उन्हें इस जनवरी में रायपुर में 21 छात्रों के साथ अपना खुद का प्री-स्कूल शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

रोमा जैसी सभी युवा मांओं के लिए अपना काम छोड़कर इस तरह के किसी अन्य व्यवसाय में प्रवेश करना कठिन हो सकता है। लेकिन उन्होंने पाया था कि उनके आस-पास उचित फीस लेने वाले प्री-स्कूल की कमी है। इसी तरह से, वैसे डे-केयर सेंटर्स का भी बहुत अभाव है, जिनमें उच्च स्तर की करुणा और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया जाता हो।

दुनिया भर में एकल परिवारों की संख्या में वृद्धि के साथ ही डे-केयर सेंटर्स की सामान्यत: बहुत मांग है। दुनिया के हर हिस्से में उनकी किल्लत को देखते हुए कनाडा में रहने वाली कुछ बुजुर्ग महिलाओं ने ‘ग्रैंड-मा बेबीसिटिंग क्लब’ की शुरुआत की है, जहां असल जीवन में खुद ‘ग्रैंड-मा’ होती हैं और कई बार बच्चों को बाहर किसी रोमांचक जगह पर घुमाने ले जाने या उन्हें कहानियां और कविताएं सुनाने के लिए उनके माता-पिता की मदद करती हैं।

वे अब एक आपातकालीन ड्रॉप-ऑफ स्थान खोलने की योजना बना रहे हैं, जहां माता-पिता किसी आधिकारिक या चिकित्सा-सम्बंधी इमरजेंसी के मामले में अपने बच्चों को छोड़ सकते हैं। वर्तमान में कनाडा में चाइल्ड-केयर प्रतीक्षा सूची बहुत अधिक है।

वहां के पैरेंट्स ऐसी जगहों की तलाश करते हैं, जहां वे बच्चे को कुछ घंटों के लिए छोड़ सकें ताकि अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इस बढ़ते अभाव को समझते हुए, उन बुजुर्ग महिलाओं ने एक ऐसी जगह शुरू करने के लिए भी काम शुरू किया है, जहां वे डांस पार्टी, क्राफ्ट पार्टी या पियानो और वोकल म्यूजिक सिखाती हों।

माता-पिता इन सामुदायिक ग्रैंड-मा क्लबों की सराहना कर रहे हैं, जो वास्तविक दादियों की याद दिलाते हैं और बच्चों के युवा मन को अलग-अलग अनुभव देते हैं। कुछ बच्चे ऐसे हैं, जो अधिक बच्चों वाले संरचनागत डे-केयर सेंटर्स के लिए अपने को ढाल नहीं पाते। ऐसे में पैरेंट्स ऐसी जगहों की भी तलाश करते हैं, जहां दो या तीन बच्चे ही एक-दूसरे के साथ खेलते हों।

‘केयरिंग बिजनेस’ ने अलग-अलग रूप लिए हैं और यह सिर्फ बच्चों, अकेले रहने वाले वयस्कों, डिमें​शिया से पीड़ित या चिकित्सा सहायता की जरूरत वाले लोगों तक ही सीमित नहीं है, या कभी-कभी उन लोगों के लिए भी है, जिन्हें अकेलापन दूर करने के लिए किसी साथी की जरूरत होती है।

फंडा यह है कि ‘केयरिंग बिजनेस’ दुनिया भर में बढ़ रहा है, क्योंकि धीरे-धीरे अकेलापन इस विकसित दुनिया को अपने दायरे में ला रहा है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
एन. रघुरामन का कॉलम: ध्यान दें, ‘केयरिंग बिजनेस’ अलग-अलग रूपों में बढ़ रहा है

मौसम बदला करवट, दिल्ली-NCR में आज बारिश के आसार, UP-बिहार के लिए IMD का अलर्ट Latest Haryana News

मौसम बदला करवट, दिल्ली-NCR में आज बारिश के आसार, UP-बिहार के लिए IMD का अलर्ट Latest Haryana News

Charkhi Dadri News: रेलवे स्टेशन पर 7 करोड़ से बनेगा दूसरा एफओबी  Latest Haryana News

Charkhi Dadri News: रेलवे स्टेशन पर 7 करोड़ से बनेगा दूसरा एफओबी Latest Haryana News