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- N. Raghuraman’s Column Romance In The Digital Age Oscillates Between Trust And Anxiety
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
1960 का दशक: मेरी मां, पिता के बारे में बोलते हुए कहती थीं, “उनके घर आने का समय हो गया। वे लेट नहीं होते, शायद कोई ज़रूरी काम होगा। रास्ते में ही होंगे।” देर से आने पर उन्होंने कभी पिता पर अविश्वास नहीं किया। 1980 का दशक: पति घर फ़ोन करके पत्नी को बता देते थे कि ऑफिस से निकल रहे हैं या आने में देर होगी। इससे पत्नी को चिंता नहीं होती थी।
2000 का दशक: मेरी पत्नी मोबाइल पर कॉल करके बस एक शब्द कहती थीं – ‘लोकेशन’ और मैं उन्हें अपनी कार की लोकेशन बताता था और ट्रैफ़िक के हालात के हिसाब से घर पहुंचने का संभावित समय भी। साल 2025: डेटिंग कर रहे कपल ये तथाकथित बेवकूफियां नहीं करते।
वे पार्टनर की सही लोकेशन जानते हैं क्योंकि वे जीपीएस कॉर्डिनेट या लाइव लोकेशन शेयर करने लगे हैं। क्या अपने पार्टनर को हर समय अपनी लोकेशन बताते रहना दर्शाता है कि कपल के बीच में भरोसा नहीं है? मुझे नहीं पता। लेकिन डेटिंग कर रहे कपल भी यही कर रहे हैं। जबकि शादीशुदा जोड़े अब शायद इस बात की उतनी परवाह नहीं कर रहे कि पार्टनर कहां है। तो क्या यह भरोसे की निशानी है?
आधुनिक वैवाहिक संबंधों में, युवा दंपति इस बात का फ़ैसला नहीं ले पा रहे कि उनमें भरोसे की कमी है या उन्हें एंग्जायटी है। अमेरिकी मैगज़ीन ‘लाइफ360’ ने पिछले महीने एक सर्वे किया जिसमें डेटिंग कर रहे 1000 लोगों ने भाग लिया। इसमें 21% लोगों ने कहा कि अगर संभावित पार्टनर अपनी लोकेशन शेयर करने तैयार नहीं है, तो रिश्ता आगे नहीं बढ़ सकता।
डेटिंग कर रही जेन ज़ी आबादी के लिए यह आंकड़ा 30% है और उम्र घटने के साथ यह बढ़ रहा है। लगभग 60% प्रतिभागियों ने कहा कि लोकेशन शेयर करना बताता है कि रिलेशनशिप अब ऑफ़िशियल है! डेटिंग कर रही ज्यादातर लड़कियों ने कहा, ‘अगर वह बताना नहीं चाहता कि वह क्या कर रहा है, तो हम साथ ही क्यों हैं?’
विकसित देशों में कपल थैरेपिस्ट सुझाव देते हैं कि जब जोड़े लोकेशन शेयर करने पर बात करें, तो बताएं कि वे अपनी लोकेशन क्यों शेयर करना नहीं चाहते या उन्हें दूसरों की लोकेशन क्यों जाननी है। महिलाएं लोकेशन शेयर करके सुरक्षित महसूस कर सकती हैं।
लेकिन कभी-कभी अगर कोई पार्टनर बैटरी कम होने पर लोकेशन बंद कर देता है, तो इससे दूसरे के मन में संदेह पैदा होता है। वहीं लोकेशन बंद करना डेटिंग पार्टनरों के बीच का खेल भी है। कभी-कभी एक पार्टनर लोकेशन बंद करके, अचानक दूसरे के सामने आकर, सरप्राइज देता है।
जो जोड़े किसी कारण से अलग हो चुके हैं, वे आज कहते हैं कि उनके अगले रिलेशनशिप में लोकेशन शेयर करना अहम होगा। ज्यादातर युवा डेटिंग कपल के लिए लोकेशन शेयर करना रिश्ते की ज़रूरी शर्त हो गया है। मैंने देखा है कि जिन लड़के या लड़कियों के पार्टनर संगीत या नाटक मंडलियों में काम करते हैं और परफॉर्मेंस के लिए अलग-अलग शहर जाते हैं, उन्हें लोकेशन शेयर करना अनिवार्य हो गया है।
लोकेशन शेयरिंग से जहां लड़कों को यह जानने में मदद मिलती है कि उसकी भावी साथी नए शहर में सुरक्षित पहुंच गई है, वहीं लड़की को यह पता रहता है कि लड़का किसी और के साथ तो नहीं घूम रहा। यह सच है कि आधुनिक विवाह या डेटिंग में, भरोसा दो धुरियों के बीच झूल रहा है। यह किसी के लिए संदेह, तो किसी के लिए चिंता का विषय है।
फंडा यह है कि युवा कपल अब समझ चुके हैं कि लोकेशन शेयर करना भी आधुनिक रिश्तों का अहम हिस्सा बन चुका है।
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एन. रघुरामन का कॉलम: डिजिटल युग का रोमांस, भरोसे और चिंता के बीच झूल रहा है