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- N. Raghuraman’s Column: Understanding The Job Market Will Make You A Better Job Hunter
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
अगर आप बिहार चुनाव या हैदराबाद विधानसभा उप-चुनाव काे करीब से देख रहे हैं, या आपने अमेरिका के हाई-स्टेक जॉब के लिए जाेहरान ममदानी की दौड़ देखी- जो मंगलवार को मेयर बन गए- तो सभी में पहली बार के मतदाता और युवा वोटरों के लिए एक मुद्दा कॉमन है। वह है- रोजगार के अवसर।
भारत के युवा जहां अपने लिए एक सम्मानजनक नौकरी मांग रहे हैं, वहीं 150 देशों से न्यूयॉर्क आए युवा प्रवासी अपने मौजूदा जॉब बचाना चाहते हैं। हालांकि सरकार और राजनेता तो अपने वादे पूरे कर रहे हैं और करेंगे, लेकिन हर जॉब तलाशने वाला खुद भी कुछ ऐसा कर सकता है- जो नौकरी की तलाश के दौरान उनके दर्द को कम कर सकता है। कुछ सबसे जरूरी बातें यहां पेश हैं।
1. जहां वैश्विक कॉर्पोरेट कंपनियां अब ‘हायर मोर, फायर मोर’ से हटकर ‘नो हायर, मोर फायर’ मोड में आ रही हैं, वहीं जॉब मार्केट की कहानी भी अंतत: कड़वी हकीकत से मेल खाने लगी है। इसका मतलब यह नहीं है कि प्राइवेट कंपनियां नौकरियां नहीं दे रहीं, बल्कि यह है कि नौकरी मिलना बहुत कठिन हो गया है। इसे दिमाग में रखिए तो जॉब मिलने तक यह आपको चौबीसों घंटे अलर्ट रखेगा।
2. इंटरव्यू में ‘रिज्यूमे गैप’ (जिनकी दो नौकरियों के बीच अधिक समय गुजरा हो) वालों से अजीब सवाल किए जाते हैं। मसलन, ‘पिछली जॉब छोड़ने के बाद घर पर क्या कर रहे थे?’ ऐसे में या तो कोई अस्थायी जॉब कर लो। या फिर कहो कि ‘मैं नई स्किल्स सीखकर खुद को एक प्रोफेशनल और परफेक्ट जॉब हंटर बना रहा था।’
फिर गैप में सीखी स्किल्स की सूची दिखाओ। सबसे अच्छा तरीका कि किसी के साथ फ्री में भी कंसल्टेंट बन जाओ, ताकि रिज्यूमे में गैप आए ही नहीं। दूसरा तरीका है कि कोई ऑनलाइन कोर्स कर लो, जो नए क्षेत्र में नौकरी दिला सके।
3. जॉब पाने में नेटवर्किंग अहम है। अंधेरे में बैठकर नौकरी नहीं होने की चिंता मत करो। बाहर निकलो, ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलो और खुलकर बोलो कि ‘जॉब ढूंढ रहा हूं।’ कॉलेज स्टूडेंट हो तो पहले साल से ही लिंक्डइन जैसी सोशल साइट्स पर नेटवर्किंग शुरू करो। कुछ नहीं तो यह एक्सरसाइज आपकी कम्युनिकेशन स्किल ही सुधारेगी।
जब आप जॉब के लिए तैयार हो जाओ तो कम से कम 500 कनेक्शन तो होने ही चाहिए। पता नहीं, कौन-सा कनेक्शन कब बड़ा फायदा दे जाए। जॉब मांगने से पहले रिश्ता बनाना हमेशा बेहतर होता है। सोशल साइट्स पर आलोचना के बजाय लोगों की तारीफ करो। लेकिन तारीफ में सच्चाई और सहानुभूति हो।
4. नौकरी तलाशते वक्त मैंने कभी स्थान को प्राथमिकता नहीं दी। कहते रहें कि ‘सारा जहां हमारा’ और शॉर्टेस्ट नोटिस पर भी दुनिया के किसी भी कोने में जाने को तैयार रहें। याद रखो कि जब एक जगह धुंधलका हो तो दूसरी जगह हरियाली होती है। यदि जॉब हाथ में हो तो गृह-राज्य या शहर में लौटना आसान है।
5. जाॅब मार्केट की झूठी रिपोर्टों के आधार पर सपने मत बुनो। जॉब तलाशने वालों को आंकड़ों के बजाय ट्रेंड्स पर ध्यान देना चाहिए। आंकड़े तो बदलते रहते हैं। सुर्खियां बनाने वाले जॉब मार्केट के समग्र आंकड़ों के बजाय इस पर ध्यान दें कि कौन-सी इंडस्ट्री और क्षेत्र लगातार ग्रोथ दर्शा रहे हैं। जॉब मार्केट पर खुद की रिसर्च आपको बेहतर समझ देगी कि आप जॉब इंटरव्यू के लिए कहां जा सकते हैं।
फंडा यह है कि जॉब मार्केट की हकीकत को जितनी जल्दी समझ लें, बेहतर है। हालात को समझने से जॉब सर्च के दौरान आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद मिलेगी, क्योंकि रोजगार की स्थिति कहीं भी, कभी भी स्थिर नहीं रहती।
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एन. रघुरामन का कॉलम: जॉब मार्केट की समझ आपको बेहतर ‘जॉब हंटर’ बनाएगी
