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56 मिनट पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
आप जानते हो कि आपके संभावित ग्राहक कहां रहते हैं। पर मुसीबत यह है कि उनसे कैसे मिला जाए। वो एक गेटेड कॉलोनी में रहते हैं, जहां कोई उनकी बिना अनुमति प्रवेश नहीं कर सकता। अब आप क्या करोगे?
आप बेंगलुरु के 40 वर्षीय पद्मनाबन अब्बास को गुरु बना लीजिए। अब्बास ने 2006 में इंजीनियरिंग पूरी की और 2008 में पहला स्टार्टअप शुरू करने से पहले कुछ समय के लिए आईटी में काम किया था। बाद में दो साल का ब्रेक लिया और फिर एक टेक फर्म शुरू की, जिसने कोविड के दौरान मुसीबतों का सामना किया।
जहां फर्म के कई पूर्व फाउंडर्स ने कॉर्पोरेट की वेतनभोगी नौकरियां कर लीं या अस्थायी तौर पर कंसल्टिंग का काम करने लगे, वहीं अब्बास ने एक मिला-जुला-सा रास्ता चुना। सुबह के वक्त वह सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम करते और शाम को फूड डिलीवरी।
अब आप यह मत कहना कि ‘इसमें क्या है? अतिरिक्त पैसा कमाने के लिए बहुत-से लोग ऐसा करते हैं।’ अब्बास ने पैसा बनाने के लिए इस दूसरी नौकरी का विकल्प नहीं चुना। वह बिजनेस कनेक्शन बनाने के लिए सोच-समझ कर फूड डिलीवरी वर्कर बने। जी, हां… उन्होंने खाना पहुंचाने के दौरान अपने संभावित ग्राहकों से व्यक्तिगत तौर पर मिलने का फैसला किया।
प्रत्यक्षता और जोखिम लेने की क्षमता के कारण अब्बास का यह नजरिया पिछले बुधवार तब अनोखे तरीके से सामने आया, जब एक ग्राहक ने अब्बास के फुल स्टेक डेवलपर के तौर पर सेवाएं देने के बारे में प्रकाशित उनका विज्ञापन सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। वो हर फूड डिलीवरी के समय ग्राहकों को प्रिंटेड विज्ञापन देते हैं। तब ही से वह वायरल हो गया।
विज्ञापन में वेब डेवलपमेंट के क्षेत्र में अब्बास के 19 वर्षों के अनुभव, मोबाइल एप्स, यूआई/यूएक्स डिजाइन और मशीन लर्निंग के साथ उनके व्यक्तिगत संपर्क विवरण को हाईलाइट किया गया था। यह पोस्ट खूब शेयर की गई। कई लोग अब्बास के चतुराईपूर्ण दृष्टिकोण से प्रभावित हुए।

खाना डिलीवरी के दौरान संभावित ग्राहकों से व्यक्तिगत तौर पर मिलने के अब्बास के तरीके ने उसके लिए बेहतर काम किया। लेकिन इसके लिए आपको कुछ बुनियादी बातें समझनी होंगी। इनमें यह शामिल हैं। 1. ग्राहकों तक पहुंचने से पहले आपको ये जानने की जरूरत है कि आप किसे खोज रहे हैं।
आपकी खासियत क्या है और आप किसकी समस्या हल करोगे। क्योंकि जब तक आपके पास समस्या का हल नहीं होगा तो आप महज 30 सेकंड के ध्यान देने योग्य समय में किसी को प्रभावित नहीं कर पाओगे। अपनी क्षमता को पहचानोगे तो आपको उन संभावित ग्राहकों को पहचानने में मदद मिलेगी, जो आपके कौशल के लिए उपयुक्त हैं।
2. जब आप ग्राहकों को पहचान लें तो रिसर्च करें। उनकी वेबसाइट, सोशल मीडिया प्रोफाइल और उन सभी स्थानों को चेक करें, जहां उनकी ऑनलाइन मौजूदगी हो सकती है। यह आपको ग्राहक और उनकी जरूरतों के बारे में जानकारी देगा और बताएगा आप कैसे उनकी मदद कर सकते हैं।
3. आप अब्बास की तरह भी ग्राहकों से मिल सकते हो या सार्वजनिक स्थल, यात्रा, थिएटर आदि में मिलने का नया रास्ता भी खोज सकते हो। रिसर्च के दौरान इस बारे में आइडिया मिल ही जाएंगे। हो सकता है इनमें से कुछ आइडिया काम ना करें, लेकिन यदि आपके भीतर दृढ़ता है तो कोई एक जरूर काम करेगा। नेटवर्क का फायदा उठाना भी ना भूलें। दोस्तों, परिजनों, सहकर्मियों से संपर्क करें, नेटवर्किंग इवेंट्स में जाएं और देखें कि क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसे आपकी सेवाओं की जरूरत हो।
4. अब जबकि आप जानते हो कि आप किसे तलाश रहे हो, उसकी क्या जरूरत है और आशा है कि आप जल्द उससे मिलने वाले हैं तो उसके लिए अचंभित करने वाली योजना बनाने का समय है। आपकी तैयारी हर ग्राहक विशेष के लिए होनी चाहिए, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाए कि आप कैसे उसकी समस्या हल करेंगे। योजना को छोटा और कारगर रखें, और अपने अनूठे कौशल और अनुभव को हाईलाइट करना न भूलें। और हां, फॉलोअप जरूर करें, लेकिन विनम्रता के साथ।
फंडा यह है कि गिग वर्कर होना और सही ग्राहक खोजना आसान काम नहीं है। लेकिन एक साहसिक आइडिया आपको भी अब्बास की तरह हीरो बना सकता है।
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एन. रघुरामन का कॉलम: गिग वर्कर होना और सही ग्राहक खोजना आसान काम नहीं है