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एन. रघुरामन का कॉलम: गर्म मौसम में खुद को ठंडा रखने के लिए स्ट्रीट फूड से बचें Politics & News

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8 मिनट पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को अगले तीन से चार दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री की क्रमिक वृद्धि की भविष्यवाणी की है। हालांकि पूर्वानुमानों से पता चलता है कि उत्तर-पश्चिम भारत के कई स्थानों पर अगले चार दिनों के दौरान 5 डिग्री तक की उच्चतम वृद्धि का भी सामना करना पड़ सकता है।

दूसरी तरफ आप सड़क किनारे विक्रेताओं के सामने खड़े लोगों को एक गिलास नींबू पानी या कुछ कटे हुए फलों का सेवन खुद को ठंडा रखने के लिए करते देख सकते हैं। लेकिन डॉक्टर कहते हैं यह जोखिम भरा है। विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञ, जो पेचिश, उल्टी, दस्त और मल में खून से प्रभावित बच्चों के बढ़ते मामलों को देख रहे हैं।

जब डॉक्टर उनसे पूछते हैं कि उन्होंने पिछले 24 या 48 घंटों में क्या किया तो उनके माता-पिता को भी सड़क किनारे की दुकानों से फल और नींबू पानी का सेवन याद नहीं आता। ऐसे मामलों की संभावना इसलिए बढ़ रही है क्योंकि परीक्षाएं समाप्त हो रही हैं और बच्चों के पास बाहर बिताने के लिए अधिक समय है।

ऐसे मामलों में वृद्धि क्यों हो रही है? आप यह स्वीकारने में संकोच नहीं करेंगे कि हमारी फूड इंडस्ट्री में हाईजीन सबसे बड़ा मुद्दा है, खासकर सड़क किनारे के विक्रेताओं के बीच। चूंकि स्टील की प्लेटों को साफ करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं होता, इसलिए उनमें से अधिकांश उन्हें उसी बाल्टी में धो देते हैं, जो दूषित हो गई थी।

वे डिस्पोजेबल का उपयोग नहीं करते क्योंकि उनके पास इस्तेमाल की गई प्लेटों को इकट्ठा करने के लिए जगह नहीं होती। दूसरी तरफ स्थानीय नागरिक संगठन भी उनके द्वारा इस्तेमाल की गई प्लेटों को नगर निगम की कूड़ा संग्रह बाल्टियों में देखकर उन पर भारी जुर्माना लगाते हैं।

इस प्रकार दूषित पानी संक्रमण का प्राथमिक स्रोत बन जाता है, जो पेट की बीमारियों, टाइफाइड, हेपेटाइटिस और हैजा का कारण बनता है। इन बीमारियों से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं? सड़क किनारे विक्रेताओं द्वारा बेचे जाने वाले पानी-आधारित पेय के बजाय आप अपने बच्चों को सादा पानी भी दे सकते हैं।

अगर इससे बात नहीं बनती, तो हमारी सदियों पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करें, जिनमें हमारे दादा-दादी गर्मी से बचने के लिए घर पर कोकम शरबत, आम पना, लस्सी और छाछ बनाते थे। अपने बाहरी काम की योजना सुबह जल्दी या शाम को देर से बनाएं, ताकि हीट स्ट्रोक से बच सकें।

डॉक्टरों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ने पर बाहर जाना हो तो उस समय भी हाइड्रेटेड रहना सुनिश्चित करें और दिन में नियमित अंतराल पर पर्याप्त पानी पीएं। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने लोगों को गर्मियों में अधिक फल खाने की सलाह दी है। आम में विटामिन ए होता है जो प्रतिरक्षा-तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। साथ ही सब्जियों का सेवन करें और उच्च प्रोटीन वाले भोजन का सेवन सीमित करें।

वहीं आपको किन चीजों से बचना है? ऑइली और मसालेदार भोजन; कार्बोनेटेड पेय क्योंकि वे डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कार्बोनेटेड पेय बढ़ते बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के लिए भी हानिकारक हैं क्योंकि उनमें चीनी होती है, उनसे दांतों पर परत जम जाती है जिससे कैविटी होती है और शरीर में भोजन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न होती है। शराब भी इसी श्रेणी में आती है। सादे पानी, खट्टे फलों और ताजे जूस की तुलना में ​डिहाइड्रेशन के मामले में ये कार्बोनेटेड पेय प्रतिकूल रूप से कार्य कर सकते हैं।

गर्मियों के दौरान चूंकि बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं के पनपने के लिए आदर्श स्थिति बनाती है, जिससे भोजन और जलजनित बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है, इसलिए अच्छी पर्सनल हाइजीन का पालन करना भी महत्वपूर्ण है, खासकर हाथ धोना। कच्चे या अधपके खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें। खाने से पहले फलों को अच्छी तरह धो लें। उचित स्वच्छता सुनिश्चित करें।

फंडा यह है कि चूंकि गर्मी ऊर्जा को सोख लेती है, इसलिए अपने भोजन को हलका रखें और कपड़े भी बहुत हलके रंगों वाले ही पहनें।

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