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- N. Raghuraman’s Column The Lessons Of Career, Sports And Investment Are The Same
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
पहली नजर में, करिअर और खेल का निवेश की दुनिया से कोई खास लेनादेना नहीं है। लेकिन अगर आप केवल शब्दों से परे जाकर देखें, तो उनमें बहुत सारे सबक एक जैसे ही हैं। आइए, इसे एक छोटे से उदाहरण के जरिए समझने की कोशिश करते हैं।
ब्रिटेन के डार्टमाउथ में हाल ही में टेनिस स्टार रोजर फेडरर की स्पीच से इस संबंध को आसानी से समझा जा सकता है। फेडरर ने इस बात का उल्लेख किया कि उनका टेनिस करिअर वर्ष 1988 से 2022 तक रहा। उन्होंने कहा कि इस 34 साल लंबे करिअर में करीब 1,526 सिंगल मैच खेले। इसमें 103 सिंगल टाइटल जीते। इसी तरह, निवेश में भी यह सोचना वास्तविकता से थोड़ा परे है कि हर खरीदारी आपको मुनाफा देगी ही।
नियमित रूप से दोहराए जाने वाले और ऑब्जेक्टिव इवेंट वाले खेलों में अधिकतर परिणामों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। जैसे कि ज्यादा प्रतिभाशाली व्यक्ति या टीम प्रतियोगिता के दौरान जीत हासिल करेगी। टेनिस के महान सितारे होने के बावजूद फेडरर ने 24 वर्षों में 20 बड़े खिताब जीते, लेकिन याद रखें कि उन 24 वर्षों में 14 साल तक उन्होंने एक भी बड़ा खिताब नहीं जीता।
यदि हमने अपने करिअर में 35 वर्षों तक काम किया है, तो हमें हर साल पदोन्नति के साथ नया पदनाम नहीं मिलता। इसी तरह, उच्च स्तर का प्रदर्शन करने वाले बिजनेस के शेयर की कीमतें भी हर साल बेहतर प्रदर्शन नहीं करतीं, लेकिन लंबी अवधि में ऐसा हो सकता है। जैसे किसी मैच का नतीजा अनिश्चित हो सकता है, वैसे ही शेयर बाजार का शॉर्ट टर्म में प्रदर्शन भी अनिश्चित हो सकता है।
हाल ही में संपन्न पेरिस ओलिंपिक में भी विभिन्न खेलों के परिणाम अप्रत्याशित और अनिश्चित रहे। इसलिए निवेश में, यह सोचना वास्तविकता से परे है कि जिस कंपनी के शेयर आपके पास हैं, वह साल-दर-साल अच्छा प्रदर्शन करेंगे ही। यह ठीक वैसा ही है जैसे कि आपका परिवार आपसे हर अप्रैल में पदोन्नति और 20% वेतन वृद्धि पाने की उम्मीद करे।
व्यावसायिक प्रदर्शन को भी करिअर और खेल के समान ही कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऐसी चुनौतियों से पार पाने के लिए कारोबार के तौर-तरीकों और रणनीतियों में बदलाव करने के लिए कुछ समय की जरूरत होती है। ज्यादातर मामलों में इन रणनीतियों का प्रभाव भी कुछ समय बाद ही दिखना शुरू होता है।
मैनेजमेंट tip यदि आपको लगता है कि आपने किसी अच्छी कंपनी का शेयर उचित मूल्य पर खरीदा है, तो कुछ वर्षों तक इसे होल्ड करके रखें। उस कंपनी को लंबे समय तक आपका पैसा अपने पास रखकर स्थिति को निवेशकों के पक्ष में लाने का मौका दें। कुछ वर्षों के बाद, कम्पाउंडेड बेनिफिट फेडरर के खेल आंकड़ों की तरह चमकता हुआ नजर आएगा।
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एन. रघुरामन का कॉलम: करियर, खेल और निवेश के सबक एक जैसे हैं
