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- N. Raghuraman’s Column ‘A For Apple’ Still Has Many Lessons, But For Businessmen!
एन. रघुरामन मैनेजमेंट गुरु
ये आर्टिकल पढ़ रहे हर पाठक किंडर गार्टन में ‘ए-फॉर-एपल’ पढ़ते हुए बड़े हुए होंगे। पर आधुनिक दौर में ‘एपल’, जो कि दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी है, इस बिजनेस साम्राज्य में सबसे नए जुड़े 16ई में उन बिजनेसमैन के लिए कई सबक हैं, जो कुछ नया सीखना चाहते हैं।
पिछले बुधवार को लॉन्च- आईफोन 16e – न केवल कंपनी की लाइनअप में सबसे सस्ते स्मार्टफोन के रूप में आईफोन एसई मॉडल का उत्तराधिकारी है, बल्कि ये इस बारे में भी बताता है कि कंपनी अपने उत्पाद के रूप में आईफोन को कैसे डाउनमार्केट होने से रोकती है। ये अलग कहानी है कि एपल के उत्पाद कभी भी भावतौल करने वालों के लिए आकर्षक नहीं रहे।
लेकिन जब एपल के फोन 999 डॉलर और उससे भी महंगे बेचे जा रहे हैं और क्रीमी लेयर टाइप के ग्राहक ही सिर्फ उनके फोन खरीदते रहे हैं, ऐसे में कंपनी के मन में भी सस्ते फोन लॉन्च करने का लालच आया। इसके चलते उन्होंने मध्यमवर्गीय ग्राहकों को टेस्ट करते हुए साल 2016 में 399 डॉलर से शुरू होने वाला अपने पहले एसई फोन पेश किए और इसका आखिरी अपडेट वर्जन साल 2022 में 429 डॉलर (शुरुआती कीमत) का रहा। पर, ये भी बहुत नहीं बिके।
अंदर से वे जानते थे कि इस निचले मार्केट के अपने जोखिम हैं। 2024 के अंत में आईफोन की बिक्री से कंपनी के रेवेन्यू में 1% की गिरावट रही। और इसके दो महीने बाद उन्होंने 599 डॉलर में 16ई लॉन्च कर दिया। अब उनकी रणनीति पर ध्यान दें। कंपनी के टॉप उत्पादों की तुलना में एसई वर्जन 52% कम कीमत पर बाजार में उतारे गए, जबकि 16ई में डिस्काउंट सिमटकर 31% पर आ गया है, जो साफ बताता है कि यह अपने उत्पादों को बहुत सस्ता होने से रोक रही है।
एपल अपनी प्रीमियम इमेज बरकरार रखने के लिए हमेशा कड़ी मेहनत करती है। समय बताएगा कि नया फोन ग्रोथ के साथ मुनाफे को भी संतुलित कर पाएगा या नहीं। इस नए फोन का सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यूजर्स को नहीं दिखेगा और ये आगे चलकर उनके लाभ में अप्रत्यक्ष योगदान देगा। इस फोन के अंदर एपल की बनी पहली इन-हाउस सेल्युलर चिप है, स्मार्ट फोन में ये बेहद महत्वपूर्ण पुर्जा होता है।
सी1 नाम की चिप, कंपनी के प्रयासों में एक लंबे समय से प्रतीक्षित अगला कदम है ताकि वह अपनी तकनीक का अधिक उपयोग कर सके, जिससे उसे क्वालकॉम नामक आउटसोर्स चिप बनाने वाली कंपनी को अरबों डॉलर देने की आवश्यकता न पड़े। एपल वास्तव में अपने अगले पीढ़ी के आईफोन को लॉन्च करने से पहले यह परीक्षण कर रहा है कि उनकी अपनी रचना (चिप) कितनी अच्छी तरह काम करेगी, कई लोगों का मानना है कि आईफोन17 में यह चिप होगी, जो कि इस साल की सर्दियों से पहले लॉन्च हो सकता है।
अगर यह अच्छी तरह काम करती है, तो एपल साल 2027 तक क्वालकॉम चिप का इस्तेमाल पूरी तर बंद कर देगा। जाहिर है, इससे उनका मुनाफा भी बढ़ेगा। और एपल के मुख्य वित्त अधिकारी केविन पारिख का मानना है कि उनकी चिप की बुद्धिमत्ता ग्राहकों को इसमें अपग्रेड करने की एक वजह बनेगी।
कंपनी का मानना है कि आईफोन 17 के मॉडेम का कम से कम 20% इन-हाउस तैयार होने की संभावना है। एक दशक से अधिक समय से, एपल ने अपनी खुद की प्रोसेसिंग चिप्स बनाने में उत्कृष्टता हासिल की है, जो मूल रूप से फोन के लिए मस्तिष्क का काम करती हैं। गहन अवलोकन क्षमता रखने वाला हर बिजनेसमैन यहां से कई सबक सीख सकता है।
1. अपने उत्पाद की कीमत क्या रखें- ऊंची, मध्यम या कम
2. कस्टमर बेस तय करना- हाई नेटवर्थ वाले, अपर मिडिल क्लास या मिडिल क्लास
3. उत्पादन की बढ़ती लागत के साथ लाभ पर नजर रखना। मुनाफा बढ़ाने और उत्पाद की आपूर्ति के लिए वेंडर्स पर निर्भर रहने के बजाय कैसे बैकवर्ड इंटीग्रेशन करते हुए ज्यादा से ज्यादा उत्पाद बनाएं।
फंडा यह है कि ‘ए-फॉर-एपल’ जीवन का बुनियादी सबक है और जब आप दुनिया की सफल कंपनियों पर नजर डालेंगे, तो आप हमेशा पाएंगे कि ये अपनी ब्रांडिंग के लिए ख्वाबों के महल खड़े करने के साथ-साथ बुनियादी चीजों पर भी बहुत काम करती हैं।
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एन. रघुरामन का कॉलम: ‘ए फॉर एपल’ में आज भी कई सबक हैं, पर बिजनेसमैन के लिए!