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एन रघुरामन का कॉलम: अपने बच्चे के पहले ब्रेकअप को एक सीख के रूप में लें Politics & News

एन रघुरामन का कॉलम:  अपने बच्चे के पहले ब्रेकअप को एक सीख के रूप में लें Politics & News

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41 मिनट पहले

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एन रघुरामन- मैनेजमेंट गुरू

वह अचानक सोशल मीडिया की अंतहीनता से परिचित हो गया था। पिछले कुछ महीनों से वह अपने पिता के बिजनेस में मदद कर रहा था। शुरू में सब कुछ सामान्य था। फिर उसने एक अलग केबिन और एक कंप्यूटर मांगा, जो उसे कार्यालय में उपलब्ध कराया गया। लेकिन नया केबिन बनने के बाद से वह कभी भी यह जानने के लिए उससे बाहर नहीं निकलता था कि उसके पिता अपना बिजनेस कैसे चला रहे हैं।

पिता चाहते थे कि बेटा उनके केबिन में ज्यादा समय बिताए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था। वे उसे अपने साथ हर ऑफिस-मीटिंग में ले जाते थे। बेटा कुछ मिनटों के लिए मीटिंग में शामिल होता, फिर कोई कॉल अटेंड करने के बहाने चैम्बर से बाहर चला जाता और फिर लौटकर नहीं आता।

पिता ने पहले सोचा कि उसे केबिन में अधिक समय बिताना और अपनी नई पोजिशन का आनंद लेना अच्छा लग रहा है, इसलिए उन्होंने उसे कुछ समय के लिए ऐसा करने दिया। लेकिन उन्हें लगा कि वह कुछ मिस कर रहा है और दिन भर अपने फोन और कंप्यूटर से चिपका रहता है। पिता ने बेटे से एक दोस्त की तरह बात की, लेकिन बेटा खुल नहीं रहा था। इससे पिता को एहसास हुआ कि बेटा अनजाने में प्रेम संबंधों की दुनिया में प्रवेश कर गया है।

वे इसलिए इसे जल्दी से समझ गए, क्योंकि बेटा अपने क्रश या ब्रेकअप से मुक्त नहीं हो पा रहा था। वह घर पर भी अपने कमरे में अकेला बैठा रहता। वह अपना फोन हमेशा जेब में रखता था और पहले की तरह उसे डाइनिंग या काम की मेज या मुख्य दालान में नहीं रखता था। ऑफिस में भी उसका फोन हमेशा उसकी नजर में रहता था। और मोबाइल की रोशनी के प्रति उसकी सजगता उस रोशनी के बाद आने वाले साउंड से ज्यादा थी।

हर कोई उसमें आए इस बदलाव को देख सकता था। मैसेज बॉक्स में ब्लू टिक दिखने पर उसके चेहरे का भाव बदल जाता था, जो यह बताता था कि जिस व्यक्ति को उसने बहुत पहले मैसेज भेजा है, उसने उसे देख लिया है। फिर वह तब तक बेचैन रहने लगता, जब तक कि कोई जवाब नहीं आ जाता। अगर दूसरा व्यक्ति खुश नहीं होता तो वह चिंतित हो जाता। उसके और इस नए रिश्ते के बीच यह निर्भरता उस नौजवान के लिए भले ही खुशी का स्रोत हो सकती थी लेकिन घर पर माता-पिता के लिए यह तनाव का कारण बन रही थी।

पिता बहुत समझदार थे और जानते थे कि ऐसे रिश्ते युवाओं को तुरंत और गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। माता-पिता जानते थे कि उनके बेटे का दिन केवल इस बात से तय नहीं होता कि वह उस दिन कैसा महसूस करता है बल्कि इससे तय होता है कि कोई और कैसा महसूस करता है। पिता को एहसास हुआ कि इस तरह से आगे बढ़ना वाकई बहुत मुश्किल है। यह नया रिश्ता या ब्रेकअप उनके बेटे पर बहुत दबाव डाल रहा था।

तब पिता को एक आइडिया आया। उन्होंने बिजनेस में बेटे की नई जिम्मेदारी की घोषणा करने वाली एक पार्टी का आयोजन किया और बेटे से कहा कि पार्टी में अपने उन दोस्तों को भी बुलाए, जिनसे वे कभी नहीं मिले थे। तब बेटे ने उन्हें खुलकर अपने ब्रेकअप के बारे में बताया। कई युवाओं के लिए ब्रेकअप एक वास्तविक क्षति का पहला अनुभव होता है। उन्होंने उससे दिल खोलकर बात की कि वह कैसे मूव-ऑन करना चाहता है। फिर पिता-पुत्र ने अपने बिजनेस की योजना के साथ-साथ उस रिलेशनशिप की क्षति पर एक ब्लूप्रिंट तैयार किया।

फंडा यह है कि बच्चे ब्रेकअप से तब जल्दी उबर पाते हैं, जब उनके माता-पिता यह समझने में उनकी मदद करते हैं कि यह एक सीखने का अनुभव है और जब वे इन सवालों का जवाब देते हैं कि उन्हें किन बातों को महत्व देना है और उस रिलेशनशिप में क्या गलत हुआ था। याद रखें, प्रेम सहसा किसी के भी जीवन में आ सकता है और ऐसा होने पर हमारे बच्चे विक्टिम या दोषी नहीं होते।

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