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– अभी 477 मामलों की चल रही सुनवाई, इनमें जल्द सुनाया जाएगा फैसला
राकेश चौहान
करनाल। चिन्हित अपराध एनडीपीएस एक्ट के मामलों में जिला अदालतों ने सुनवाई तेज कर दी है। पिछले छह महीने में अतिरिक्त सेशन जज की पांच अदालतों ने 132 मामलों में से 115 दोषियों को सजा सुनाई है। ऐसे में इन अदालतों का दोषियों को सजा देने का औसतन 87 प्रतिशत है। इससे अलग अभी एनडीपीएस एक्ट के 477 मामलों की सुनवाई चल रही है। जिनका जल्द फैसला आने वाला है।
जानकारी के अनुसार जनवरी से जून तक अतिरिक्त सेशन जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने एनडीपीएस एक्ट के 46 मामलों में दोषियों को सजा सुनाई है। इन 46 मामलों में एक भी आरोपी बरी नहीं हुआ है। जिससे दोषियों को सजा दिलाने में इस कोर्ट का औसत 100 प्रतिशत है। इस अदालत में एडीए सितेंद्र कुमार ने इन मामलों की पैरवी की है। इसी प्रकार अतिरिक्त सेशन जज अनिल कुमार की अदालत ने 29 एनडीपीएस एक्ट के मामलों में से 27 मामलों में सजा सुनाई है।
इस अदालत में उप जिला न्यायवादी (डीडीए) जेबी सिंह ने मामलों की पैरवी की है। अतिरिक्त सेशन जज मोहित अग्रवाल की अदालत ने 22 में से 17 मामलों में सजा सुनाई है। जिसमें डीडीए अमन कौशिक ने पैरवी की है। अतिरिक्त सेशन जज रजनीश कुमार की अदालत ने 14 में से 10 मामलों में दोषियों को सजा सुनाई है। इसमें एडीए निखिल कुमार ने मामलों में पैरवी की है। अतिरिक्त सेशन जज रजनीश कुमार शर्मा की अदालत ने 21 मामलों में से 15 में सजा सुनाई है। इस अदालत में डीडीए दीपक चौधरी ने मामलों की पैरवी की है। संवाद
अदालतों में चल रही मामलों की सुनवाई
इन मामलों से अलग फिलहाल इन पांचों अदालतों में 477 मामले एनडीपीएस एक्ट के चल रहे हैं। इनमें अतिरिक्त सेशन जज मोहित अग्रवाल की अदालत में 123 मामले, अतिरिक्त सेशन जज रजनीश कुमार की अदालत में 119 मामले, अतिरिक्त सेशन जज रजनीश कुमार शर्मा की अदालत में 114 मामले, अतिरिक्त सेशन जज अनिल कुमार की अदालत में 81 मामले और अतिरिक्त सेशन जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में 40 मामलों की सुनवाई की जा रही है।
जिले में हैं 32 अदालतें
जिले में तीन जगहों पर 32 अदालतें हैं। जिसमें करनाल शहर, असंध व इंद्री शामिल हैं। करनाल की बात करें तो एक जिला सेशन जज, नौ अतिरिक्त जिला सेशन जज, दो फैमिली अदालत, एक एसीजेएम और एक सीजेएम व 13 जेएमआईसी हैं। इससे अलग असंध में तीन अदालतें हैं और इंद्री में दो अदालतें चल रही हैं।
समय-समय पर उच्च अधिकारियों की तरफ से निर्देश दिए जाते हैं कि एनडीपीएस एक्ट के मामलों में अच्छे से पैरवी की जाए ताकि दोषियों को सजा मिल सके। नशा तस्करों में डर बने और वह नशे की तस्करी करना छोड़ दें। तभी हरियाणा नशा मुक्त बनेगा। इन दिशा निर्देशों का पालना मेरी पूरी टीम कड़ी मेहनत व लगन से करती है। वह ईमानदारी से इन केसों की पैरवी कर दोषियों को सजा दिलाने का पूरा प्रयास करते हैं।
डॉ. पंकज कुमार, जिला न्यायवादी करनाल
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एनडीपीएस एक्ट : 132 मामलों में 115 दोषियों को मिली सजा