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एटीएम मशीन से कम नहीं है भिंडी की ये वैरायटी, एक बार कर ली खेती तो बार-बार होगी पैसों की बारिश Haryana News & Updates

एटीएम मशीन से कम नहीं है भिंडी की ये वैरायटी, एक बार कर ली खेती तो बार-बार होगी पैसों की बारिश Haryana News & Updates

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Faridabad News: डीग गांव के किसान बटाई पर खेत लेकर कनूका वैरायटी की भिंडी उगा रहे हैं, जो कम सिंचाई और कम कीट हमले वाली किस्म है. मंडी में इसकी कीमत 30-35 रुपये किलो मिल रही है.

हाइलाइट्स

  • फायदे का सौदा है कनूका वैरायटी की भिंडी.
  • कम सिंचाई और कम कीट हमले वाली किस्म है.
  • सही किस्म और मेहनत से खेती बन रही मुनाफे का जरिया.
फरीदाबाद: फरीदाबाद के बल्लभगढ़ क्षेत्र के डीग गांव के किसान इस समय भिंडी की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. खास बात यह है कि यहां के किसान बटाई पर खेत लेकर मेहनत से खेती कर रहे हैं और कनूका नाम की देसी वैरायटी लगाकर बाजार में अच्छी भिंडी बेच पा रहे हैं. यह किस्म इस सीजन की सबसे बेहतर वैरायटी मानी जा रही है जिसमें कीड़े कम लगते हैं और सिंचाई की जरूरत भी कम पड़ती है. मंडी में इसकी मांग बनी हुई है और दाम भी 30 से 35 रुपये किलो मिल रहे हैं.

बटाई पर करते हैं खेती

Local18 से बातचीत में किसान विकास ने बताया कि उन्होंने एक किले में भिंडी की फसल लगाई है. वह खेत बटाई पर करते हैं जिसमें बीज और दवाई की लागत आधी-आधी होती है. खेती का बाकी खर्च भी मालिक और किसान दोनों बराबर बांटते हैं, जबकि मजदूरी किसान खुद करता है. विकास मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से डीग गांव में खेती कर रहे हैं.

क्या होता है मुनाफा

विकास ने बताया कि भिंडी की फसल तैयार करने के लिए पहले खेत की 3 से 4 बार जुताई करनी पड़ती है. फिर डीएपी और पोटाश खाद डाली जाती है. जब पौधा 20 दिन का हो जाता है तब दोबारा जुताई करनी पड़ती है. यह फसल 40 दिन में तैयार हो जाती है और दिवाली तक चलती है. उन्होंने बताया कि हर तीसरे दिन भिंडी की तोड़ाई होती है और एक बार में 8 से 9 हजार रुपये तक की आमदनी हो जाती है.

कीड़े लगने पर डालते हैं यह दवा

अगर कीड़े लग जाएं, तो वे कालिया या 505 नाम की दवा का इस्तेमाल करते हैं. सिंचाई हर 7 दिन में करनी पड़ती है. किसान विकास ने बताया कि कनूका एक हाइब्रिड वैरायटी है जो खासतौर पर चौमासे में लगाने के लिए होती है. इसकी भिंडी मजबूत मोटी और ज्यादा दिनों तक चलने वाली होती है.

प्रेरणादायक है किसान विकास की कहानी

वहीं डीग गांव के ही किसान विकास की कहानी भी प्रेरणादायक है. आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और खेती में जुट गए. आज वही खेती उनके परिवार की कमाई का मुख्य साधन बन चुकी है. कई किसानों ने भी इस बार भिंडी लगाई है लेकिन गलत वैरायटी चुनने से उन्हें मुनाफा नहीं मिल पा रहा. वहीं सही किस्म और मेहनत से किसान अब अच्छा पैसा कमा रहे हैं.

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एटीएम से कम नहीं है भिंडी की ये वैरायटी, एक बार कर ली खेती तो होगी तगड़ी कमाई

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