– एचआईवी को लेकर फैली भ्रांतियों को किया दूर
संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। जिला सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में जिले के शिकायत अधिकारियों को एचआईवी एड्स प्रिवेंशन एंड कंट्रोल एक्ट-2017 का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण शिविर में डीएलएसए एडवोकेट मुकेश कुमार ने सभी को एचआईवी एड्स एक्ट-2017 से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी। साथ ही इस बीमारी को लेकर जो भ्रांतियां समाज में फैली हैं उन्हें भी दूर किया।
उप सिविल सर्जन एवं टीबी व एचआईवी एड्स के नोडल अधिकारी डाॅ. सिम्मी कपूर ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति से किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव न करें। यदि कोई भेदभाव करता है तो एचआईवी एड्स एक्ट 2017 के तहत उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। एक्ट का उल्लंघन करने वालों को एक साल साल तीन महीने की सजा व 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने 1097 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर से एचआईवी एड्स व एचआईवी एक्ट की जानकारी प्राप्त करने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कंप्लेंट करना चाहता है तो वह 24 घंटे से तीन महीने के अंदर-अंदर अपनी कंप्लेंट नामित शिकायत अधिकारी को कर सकता है। यदि किसी कारणवश वह अपनी शिकायत तीन महीने के अंदर करने में असमर्थ हो तो अपनी असमर्थता का ठोस कारण बताने पर शिकायत कमेटी के सहमत होने पर कमेटी शिकायत करने की समय अवधि बढ़ाकर छह माह का समय दे सकती है।
एचआईवी एड्स की जानकारी सभी से करें साझा
उन्होंने कहा कि एचआईवी एड्स से संबंधित जानकारी को सभी से सांझा करें ताकि एचआईवी एड्स की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जा सके और एड्स के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसके साथ ही एचआईवी एड्स एक्ट-2017 के बारे में भी जानकारी दी ताकि किसी भी प्रकार से संक्रमित व्यक्ति को उसके अधिकारों से उसे वंचित किया जाता है तो उस दशा में वे कौन से ठोस कदम उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने टीबी के कारण, लक्षण व रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी। गर्भवती महिलाओं के लिए एचआईवी वीडीआरएल टेस्ट क्यों अति आवश्यक है इसकी जानकारी दी।
एचआईवी पॉजिटिव से भेदभाव अपराध : डाॅ. सिम्मी कपूर