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भावी खतरों के मद्देनजर सेना अपने उपकरणों और हथियारों को अपग्रेड करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में सेना अपने जवानों को अत्याधुनिक राइफलों से लैस कर रही है। इनमें से कुछ राइफलें भारत निर्मित हैं जबकि कुछ राइफल्स विदेशी हैं। कुछ राइफलों को भी अपग्रेड किया जा रहा है जिससे उनकी मारक क्षमता काफी अधिक बढ़ गई है। इन राइफलों का भार अपेक्षाकृत कम है मगर ये काफी घातक हैं।
इनमें फिनलैंड की साको स्नाइपर राइफल सबसे खास है। इस राइफल को एक विशेष एप के जरिये जोड़ा गया है। अक्सर राइफल से फायर की गई गोली की टेरिटरी हवा के रुख के साथ बदलती है। चूंकि इस राइफल 1200 मीटर है, इसलिए इस राइफल से मिस फायर की संभावना अधिक थी। लिहाजा इस राइफल को एक विशेष मोबाइल एप से जोड़ दिया गया है। इस राइफल को इस्तेमाल करने वाले जवान के मोबाइल में सीक्रेट एप इंस्टाल रहेगा। इसी के जरिये जवान हवा का प्रभाव व रुख भांप लेगा और उसके बाद टारगेट पर फायर करेगा। इससे मिस फायर की संभावना काफी कम हो जाएगी।
इसी तरह जवानों को स्विट्जरलैंड की 9 एमएम एमएसजी एमपी-9 उपलब्ध करवाई जा रही है। सिर्फ 1.4 किलो की इस स्मॉल मशीन गन को लेकर चलना आसान रहेगा। 50 मीटर रेंज वाली यह एसएमजी एक मिनट में 1100 राउंड फायर करेगी। साइलेंसर फेसिलिटी वाली इस गन का फायर रेट भी काफी ज्यादा होगा यानी इसका बारूद ज्यादा आग उगलेगा।भारत निर्मित 5.56 एमएम वाली लाइट मशीन गन इनसास की जगह अब इस्राइल निर्मित 7.62 एमएम वाली नीगव एलएमजी लेगी। इसकी रेंज 800 मीटर रहेगी जोकि एक मिनट में 600 से 800 राउंड फायरिंग कर सकती है। इनसास में 30 राउंड की मैगजीन लगती थी, इसमें 120 राउंड के असॉल्ट ड्रम लग होंगे।
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एक मिनट में 1100 राउंड फायर: सेना की एमएसजी एमपी-9 राइफल, जानिए आर्मी के हथियार कितने घातक


