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एक्साइज ड्यूटी 50% बढ़ने से शराब महंगी होगी: मैकडॉवल्स व्हिस्की बनाने वाली कंपनी का शेयर 6% टूटा, जीएम ब्रुअरीज का शेयर 10% चढ़ा Business News & Hub

एक्साइज ड्यूटी 50% बढ़ने से शराब महंगी होगी:  मैकडॉवल्स व्हिस्की बनाने वाली कंपनी का शेयर 6% टूटा, जीएम ब्रुअरीज का शेयर 10% चढ़ा Business News & Hub
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मुंबई2 दिन पहले

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मैकडॉवल्स व्हिस्की बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स यानी, USL पहले विजय माल्या की कंपनी थी। माल्या के दिवालिया होने पर इसे ब्रिटिश लिकर कंपनी डियाजियो ने खरीद लिया।

शराब कंपनियों के शेयरों में आज यानी, 11 जून को गिरावट रही। मैकडॉवल्स व्हिस्की बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स से लेकर एलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स और रेडिको खेतान जैसी प्रमुख शराब कंपनियों के शेयर 6% तक की गिरावट के साथ बंद हुए।

दूसरी तरफ, जीएम ब्रुअरीज का शेयर 10.07%, सुला वाइनयार्ड्स 7.71% और सोम डिस्टिलरीज के शेयरों में 2.69% की तेजी रही। कीमतों में इस उछाल की वजह ये है कि निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में बनी शराब की नई कैटेगरी के ऐलान से इन कंपनियों को फायदा होगा।

एक्साइज ड्यूटी 50% बढ़ी, इसलिए गिरे शेयर

महाराष्ट्र सरकार ने भारत में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर एक्साइज ड्यूटी 50% बढ़ा दी है, जिस कारण शराब कंपनियों के शेयरों में ये गिरावट आई है। राज्य में एक्साइज ड्यूटी इसे बनाने के कॉस्ट की तीन गुना थी, जिसे बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया गया। इससे शराब महंगी हो जाएगी।

खासकर जिन प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट ₹260 प्रति बल्क लीटर है, उन पर ये लागू होगा। देसी शराब की ड्यूटी भी बढ़कर ₹180 से ₹205 प्रति प्रूफ लीटर हो गई है। इस फैसले से राज्य की सालाना एक्साइज कमाई में करीब ₹14,000 करोड़ की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

IMFL और प्रीमियम विदेशी शराब के दाम 50% बढ़ेंगे

  • 180 ml देसी शराब की बोतल अब कम से कम ₹80 की होगी, जो पहले ₹60-70 थी।
  • भारत में निर्मित विदेशी शराब के दाम 115-130 रुपए से बढ़कर 205 रुपए हो जाएंगे।
  • प्रीमियम विदेशी शराब अब 210 रुपए की बजाय 360 रुपए की हो सकती है।
  • नई पहल महाराष्ट्र मेड लिकर MML के दाम 148 रुपए होंगे।

नई घोषित महाराष्ट्र मेड लिकर (MML) कैटेगरी का मकसद देसी शराब और आईएमएफएल के बीच की कीमत का फासला भरना है। ये अनाज से बनी शराब होगी, और इसमें सिर्फ वही प्रोडक्ट्स शामिल होंगे जो महाराष्ट्र में बनाए और रजिस्टर्ड हों। राष्ट्रीय या विदेशी ब्रांड्स इसके लिए योग्य नहीं होंगे।

MML पर देसी शराब जैसा टैक्स स्ट्रक्चर लागू होगा, लेकिन इसे सिर्फ FL-2 और FL-3 लाइसेंस वालों के जरिए बेचा जाएगा। सरकार का अनुमान है कि इस सेगमेंट का मौजूदा साइज 5-6 करोड़ लीटर है, जो बढ़कर 10-11 करोड़ लीटर हो सकता है, और इससे 3,000 करोड़ रुपए तक का अतिरिक्त रेवेन्यू आ सकता है।

देश का सबसे ज्यादा टैक्स वाला राज्य है महाराष्ट्र

महाराष्ट्र पहले से ही इस इंडस्ट्री में देश का सबसे ज्यादा टैक्स वाला राज्य था। इस नए फैसले से हालात और खराब होने की संभावना है। किसी खास राज्य में शराब के दाम ज्यादा होने की वजह से कम टैक्स वाले राज्यों या पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी बढ़ जाती है।

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Source: https://www.bhaskar.com/business/news/united-spirits-stock-crack-sula-shares-soar-maharashtra-hikes-excise-duty-135213141.html

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