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पेट्रोलियम की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण फरवरी में भारत का वस्तुओं का निर्यात लगातार चौथे महीने घटकर 36.91 अरब डॉलर रह गया। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में ये जानकारी दी गई। बताते चलें कि पिछले साल फरवरी में भारत ने 41.41 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया था। हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में व्यापार घाटे में कमी देखने को मिली है और ये घटकर 14.05 अरब डॉलर रह गया। दरअसल, इस साल फरवरी में देश का आयात घटकर 50.96 अरब डॉलर पर आ गया था और इसी वजह से भारत के व्यापार घाटे में कमी दर्ज की गई है।

चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में बढ़ा देश का निर्यात
निर्यात के आंकड़ों के मुकाबले आयात का आंकड़ा ज्यादा होने पर व्यापार घाटे की स्थिति बनती है। कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) में वस्तु और सेवा निर्यात 6.24 प्रतिशत बढ़कर 750.53 अरब डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में ये 706.43 अरब डॉलर था। पिछले चार महीनों (नवंबर, 2024-फरवरी-2025) के दौरान भारत के उत्पाद निर्यात में मूल्य के लिहाज से गिरावट देखी गई। जनवरी में उत्पाद निर्यात 36.43 अरब डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले ये 37.32 अरब डॉलर था। दिसंबर में ये 38.01 अरब डॉलर रहा, जबकि दिसंबर 2023 में ये 38.39 अरब डॉलर था। वहीं नवंबर, 2024 में उत्पाद निर्यात 32.11 अरब डॉलर रह गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 33.75 अरब डॉलर था।
थोक महंगाई में मामूली बढ़ोतरी
सरकार ने आज आयात-निर्यात के साथ-साथ मु्द्रास्फीति के भी आंकड़े जारी किए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल फरवरी में थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मामूली रूप से बढ़कर 2.38 प्रतिशत हो गई। जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति 2.31 प्रतिशत के स्तर पर थी। लगातार तीन महीने की गिरावट के बाद फरवरी में डब्ल्यूपीआई में मामूली बढ़ोतरी देखी गई। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि फरवरी, 2025 में मुद्रास्फीति की दर में हुई बढ़ोतरी मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, खाद्य वस्तुओं, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं और कपड़ा आदि के मूल्यों में वृद्धि के कारण है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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एक्सपोर्ट में लगातार चौथे महीने गिरावट, फरवरी में 36.91 अरब डॉलर का हुआ निर्यात – India TV Hindi