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धर्मनगरी में भगवान शिव की भक्ति का अनुपम दृश्य तब देखने को मिला, जब 70 वर्षीय गिरदावरी और उनके 50 वर्षीय बेटा पृथ्वी कांवड़ लेकर हरिद्वार से कुरुक्षेत्र पहुंचे। फतेहाबाद जिले के पृथला गांव के निवासी इन मां-बेटे की जोड़ी के साथ उनके गांव के ही सुशील और सुमित भी थे, जो इस पवित्र यात्रा में सहभागी बने हुए हैं। गिरदावरी चार बार और पृथ्वी 20 बार कांवड़ यात्रा कर चुके हैं, जबकि सुशील और सुमित भी चार-चार बार यह पुण्य यात्रा कर चुके हैं। इनकी भक्ति और निस्वार्थ भावना उम्र की सीमाओं को चुनौती देती है, जो यह साबित करती है कि आस्था के सामने उम्र महज एक संख्या है।
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उम्र के बंधन को तोड़कर भक्ति की कांवड़ यात्रा में अडिग है 70 वर्षीय गिरदावरी