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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ से जुड़े विधेयक को पेश कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ये बिल पेश किया है। मोदी सरकार ने कहा है कि इस बिल को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति यानी कि JPC के पास भेजा जाएगा। वन नेशन वन इलेक्शन जुड़े संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया है। वहीं, अब शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर राय रखी है। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि पहले देश में चुनाव आयुक्त का चुनाव होना चाहिए।
क्या बोले उद्धव ठाकरे?
शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए नागपुर पहुंचे शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- “वन नेशन, वन इलेक्शन’ की बात बाद में होनी चाहिए, पहले चुनाव आयुक्त का चुनाव होना चाहिए। अगर राष्ट्रपति चुना जा सकता है तो चुनाव आयुक्त क्यों नहीं? अगर लोगों को ईवीएम पर संदेह है तो उन्हें दूर करना चाहिए। एक बार बैलट पेपर पर चुनाव कराना चाहिए। अगर उन्हें उतना ही बहुमत मिल जाए तो इसके बाद कोई सवाल नहीं करेगा।”
समर्थन में 269 और विरोध में 198 वोट
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले लोकसभा में ‘वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश’ कर दिया गया। विपक्षी सांसदों के विरोध के बाद इस बिल को स्वीकार करने के लिए वोटिंग कराई गई। बिल के समर्थन में 269 और विरोध में 198 वोट पड़े हैं।
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उद्धव ठाकरे ने कर दी बड़ी डिमांड, बोले- चुनाव आयुक्त का चुनाव होना चाहिए – India TV Hindi