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कार्यशाला में संबोधित करते वक्ता। एजेंसी
संवाद न्यूज एजेंसी
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ओढां। आंतरिक गुणवत्ता परिषद (आईक्यूएसी) की ओर से गांव ओढां में स्थित माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय में प्राध्यापकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसके प्रथम सत्र में समन्वयक डॉ. सुनील कुमार ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) और इसकी नियमावली एवं पंजीकरण प्रक्रिया बताई। उन्होंने कहा कि नैक उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता के मानक स्थापित कर रही है। इसलिए
देश के सभी उच्चतर शिक्षा संस्थानों के लिए नैक में पंजीकरण अनिवार्य हो गया है।
इससे पहले शिक्षण संस्थान की एमडी डॉ. कुलदीप कौर आनंद ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। इसके बाद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत ने दोनों वक्ताओं का परिचय करवाया। इस कार्यशाला के दूसरे सत्र में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. राजकुमार ने भी मानक बताए। उन्होंने कहा कि नैक ने अपने मूल्यांकन के तरीके में बदलाव किया है। पहले इसमें सात कसौटियों पर मूल्यांकन किया जाता था। अब इसे बढ़ाकर 10 कर दिया गया है।
सभी 10 कसौटियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि नैक में बेहतर ग्रेड लेने के लिए हर शिक्षण संस्थान को तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए। इस कार्यशाला में माता हरकी देवी डिग्री कॉलेज के सभी प्रवक्ताओं ने भाग लिया। कार्यशाला के अंत में डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अभिलाषा शर्मा ने आभार जताया। डॉ. अंजू रानी ने संचालन किया। इस अवसर पर डॉ. शशिकांत और डॉ. सुभाष चंद्र समेत दोनों महाविद्यालयों का शैक्षणिक स्टाफ मौजूद रहा।
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उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता के मानक स्थापित कर रही नैक : प्रो. राजकुमार