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25 जून की सुबह भारतीय नागरिक ईरान-इजराइल से भारत पहुंचे थे। तिरंंगा देकर उनका स्वागत किया गया।
ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार देर रात भारत के नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास ने लोगों से ईरान में गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।
भारतीय दूतावास ने X पर कहा, ‘पिछले कई हफ्तों में सुरक्षा संबंधी घटनाक्रमों को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ईरान की गैर-जरूरी यात्रा करने से बचें।’
साथ ही लोगों को यह भी सलाह दी गई कि वे ईरान के ताजा घटनाक्रमों पर नजर रखें और भारतीय अधिकारियों की तरफ से जारी एडवाइजरी का पालन करें। जो भारतीय नागरिक पहले से ही ईरान में हैं और वहां से निकलना हैं, उन्हें कॉमर्शियल फ्लाइट्स और नौका फेरी सर्विस का इस्तेमाल करने को कहा गया।

ईरान-अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई चेतावनी
भारतीय दूतावास की यह चेतावनी इजराइल, ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बाद आई है। जंग के दौरान, भारतीय दूतावास ने ईरान में भारतीय नागरिकों को गैर-जरूरी आवाजाही से बचने और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की चेतावनी दी थी।
भारत ने ईरान-इजराइल जंग में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 18 जून को ऑपरेशन सिंधु भी लॉन्च किया था। इसके तहत, ईरान और इजराइल से 4,415 भारतीयों को वापस लाया गया था।

जंग के बीच ईरान और इजराइल से लगभग 4,415 भारतीयों को वापस लाया गया था।
अमेरिका ने ईरान पर B-2 बॉम्बर से हमला किया था
इजराइल ने 13 जून को ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले शुरू किए थे। बाद में अमेरिकी ने 21 जून B-2 बॉम्बर से हमला कर ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट्स को तबाह करने का दावा किया था।
ईरान ने जवाबी कार्रवाई में कतर स्थित एक अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमले किए। बाद में, 24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल-ईरान के बीच सीजफायर की घोषणा की, जिससे 12 दिनों से चल रहा संघर्ष समाप्त हो गया।

ईरान के धर्मगुरु ने ट्रम्प के खिलाफ फतवा जारी किया था
ईरान के सबसे सीनियर शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्ला नासिर मकारिम शिराजी ने 30 जून को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ एक धार्मिक फतवा जारी किया था।
उन्होंने इन दोनों नेताओं को अल्लाह का दुश्मन बताया। साथ ही दुनिया भर के मुसलमानों से कहा है कि वे एकजुट होकर इन नेताओं को ईरान पर हमले के लिए पछताने के लिए मजबूर करें।
मकारिम शिराजी ने अपने फतवे में कहा था

जो कोई भी ईरान के सर्वोच्च नेता या किसी मरजा को नुकसान पहुंचाने या धमकाने की कोशिश करता है, वह मोहरिब यानी जंग को पसंद करने वाला अपराधी होगा।
फतवा इस्लामी कानून की व्याख्या होती है। इसे मरजा की तरफ से जारी किया जाता है। मरजा बारह इमामी शिया मुसलमानों के सबसे ऊंचे धार्मिक पद को कहा जाता है।
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ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने ईरान के लोगों को इजराइल के खिलाफ जंग जीतने की बधाई दी है। उन्होंने X पर पोस्ट में कहा, ‘मैं झूठे इजराइली सरकार पर जीत के लिए बधाई देता हूं। ईरान ने अपने हमलों से इजराइल को धराशायी कर दिया, कुचल दिया।’ पूरी खबर पढ़ें…
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ईरान जाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी: गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह; पहले से मौजूद लोगों को कॉमर्शियल फ्लाइट्स इस्तेमाल करने को कहा