ईरान-इस्राइल के बीच जंग से पंजाब के निर्यातकों के 1500 करोड़ रुपये फंस गए हैं। आढ़तियों की आदयगी रुक चुकी है। यदि होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हुआ तो ढाई लाख टन बासमती चावल का निर्यात और रुक जाएगा, जिससे 1800 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित होगा। इसकी वजह है कि इसी मार्ग से सऊदी अरब और बाकी देशों को बासमती चावल का निर्यात होता है। अमेरिका के हमले के बाद ईरान की संसद ने भी इस मार्ग को बंद करने की मंजूरी दे दी है।
फिलहाल गुजरात पोर्ट पर पंजाब, हरियाणा और यूपी का एक लाख टन बासमती रुक गया है। इसी तरह ईरान के बंदरगाह पर बासमती समेत अन्य सामान की अनलोडिंग नहीं हो पा रही है। निर्यात न होने से प्रदेशों के गोदामों में पड़ा बासमती चावल खराब हो रहा है। जिससे निर्यातकों का 1500 करोड़ रुपये का लेन-देन अटक गया है। आढ़तियों को अदायगी न होने के कारण परेशानी हो रही है।
युद्ध खत्म नहीं हुआ तो आगे बासमती की खरीद भी रुक जाएगी
पंजाब बासमाती मिलर्स एंड एक्सपोर्ट एसोसिएशन के वित्त सचिव नरेश गोयल ने बताया कि निर्यात रुक जाने के कारण उनका पैसा भी फंस गया है। वह आगे पैसे की अदायगी नहीं कर पा रहे हैं। बैंकों का पैसा देने में भी असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि अगर ईरान-इस्राइल की जंग जल्दी खत्म नहीं हुई तो उनको काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। चावल की खरीद तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार कर लेती है, पर इससे आगे बासमती की नई फसल की खरीद रुक जाएगी।
फिलहाल और अधिक नुकसान नहीं झेल सकते : बाली
एसोसिएशन के प्रधान बाल कृष्ण बाली ने बताया कि जंग शुरू होने के बाद से ही गुजरात पोर्ट पर ही उनका बासमती चावल रुका हुआ है। साथ ही ईरान में भी माल की आनलोडिंग नहीं हो पा रही है। उन्होंने निर्यातक पहले ही बहुत नुकसान झेल चुके हैं और आगे और नुकसान नहीं झेल सकते हैं। वह लगातार ईरान में अपने व्यापारियों के संपर्क में हैं और वो भी हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि आगे ट्रेड शुरू हो सके।
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ईरान-इस्राइल जंग: पंजाब के निर्यातकों के 1500 करोड़ रुपये फंसे, गोदामों में खराब होने लगा बासमती चावल