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Google: आज YouTube के सीईओ के रूप में पहचाने जाने वाले नील मोहन को एक समय पर Google ने कंपनी से जाने से रोकने के लिए 100 मिलियन डॉलर की भारी-भरकम पेशकश की थी. यह खुलासा हाल ही में ज़ेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में हुआ, जहां इस बात का ज़िक्र किया गया कि कैसे उस समय टैलेंट को लेकर टेक कंपनियों के बीच जबरदस्त खींचतान थी.
यह घटना 2011 की है, जब नील मोहन Google के ऐड और यूट्यूब प्रोडक्ट डेवलपमेंट की रणनीति में अहम भूमिका निभा रहे थे. निखिल कामथ ने बातचीत के दौरान कहा, “मैंने पढ़ा था कि Google ने आपको 100 मिलियन डॉलर दिए थे कंपनी न छोड़ने के लिए, आज से नहीं, बल्कि 15 साल पहले. उस वक्त ये रकम बहुत बड़ी थी.” नील मोहन ने इस दावे का खंडन नहीं किया.
क्यों दिया गया था ये ऑफर?
2011 में एक रिपोर्ट के अनुसार, Google ने यह रकम नील मोहन को सीधे नकद नहीं बल्कि restricted stock units (RSUs) के रूप में दी थी, जो समय के साथ धीरे-धीरे मिलनी थी. यह कदम इसलिए उठाया गया था क्योंकि Twitter (जो आज X के नाम से जाना जाता है) नील मोहन को अपने साथ जोड़ना चाहता था. वहां उनके पुराने बॉस डेविड रोसेनब्लैट पहले से ही बोर्ड में शामिल हो चुके थे और उन्हें Twitter का Chief Product Officer बनाना चाहते थे.
नील मोहन का सफर
नील मोहन ने अपनी पढ़ाई Stanford University से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में की है. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने Andersen Consulting (अब Accenture) से की, इसके बाद वो NetGravity नाम की कंपनी से जुड़े. इस स्टार्टअप को बाद में DoubleClick ने खरीद लिया, जहां नील ने Vice President के पद तक का सफर तय किया.
साल 2007 में Google ने DoubleClick को 3.1 अरब डॉलर में खरीदा, जिसके बाद नील Google की ऐड टीम में शामिल हो गए और कंपनी की रणनीति में एक अहम स्तंभ बन गए. 2011 तक वह Google के लिए इतनी अहमियत रख चुके थे कि कंपनी ने उन्हें बनाए रखने के लिए 100 मिलियन डॉलर की पेशकश की — और ये कदम कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हुआ.
सिर्फ नील ही नहीं थे Twitter का टारगेट
नील मोहन अकेले ऐसे Google एग्जीक्यूटिव नहीं थे जिन्हें Twitter अपने साथ जोड़ना चाहता था. इसी दौरान Twitter ने सुंदर पिचाई को भी अप्रोच किया था, जो उस वक्त Google में Chrome और Chrome OS की कमान संभाल रहे थे. Google ने उन्हें रोकने के लिए करीब $50 मिलियन के स्टॉक्स का ऑफर दिया था.
आज की स्थिति
आज नील मोहन YouTube के CEO हैं, उन्होंने 2023 में सुसान वोज्सीकी की जगह ली थी. वहीं सुंदर पिचाई 2015 से Google के CEO हैं और 2019 से Alphabet Inc. के भी CEO की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ये दोनों ही भारतीय मूल के लीडर्स आज ग्लोबल टेक इंडस्ट्री में सबसे प्रभावशाली चेहरों में गिने जाते हैं.
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